नई दिल्ली : हरियाणा में आगामी चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे की अटकलों के बीच आप सांसद और संगठन महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करने के लिए टॉप नेतृत्व के आदेश का इंतजार कर रही है.
पाठक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आप सभी के पास जो जानकारी है, वही जानकारी मेरे पास भी है, राघव जी ने कल ही आप सभी को बता दी होती. लेकिन पार्टी, वॉलंटियर और पार्टी के नेतृत्व की ओर से मैं यह कह सकता हूं कि हम हर जगह, हर सीट पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. जो हमें कम आंकेगा, उसे भविष्य में पछताना पड़ेगा."
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राघव चड्ढा ने कहा- हरियाणा और देश हित में होगा गठबंधन
शुक्रवार को आप सांसद राघव चड्ढा ने घोषणा की कि कांग्रेस और आप राष्ट्रीय हित में हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन बनाने पर चर्चा कर रहे हैं और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
आप सांसद ने कहा, "बातचीत चल रही है. हमें उम्मीद है कि हरियाणा और देश के हित में गठबंधन बनेगा. हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं."
इसके अलावा, हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी चुनावों के लिए आप के साथ बातचीत कन्फर्म की. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) और समाजवादी पार्टी सहित अन्य भारतीय ब्लॉक भागीदारों ने भी विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने के लिए उनसे संपर्क किया है.
बाबरिया ने कहा, "फिलहाल हम आम आदमी पार्टी से बात कर रहे हैं. एक या दो अन्य दलों ने भी संपर्क किया है, हम एक या दो दिन में जवाब देंगे. माकपा और समाजवादी पार्टी ने हमसे संपर्क किया है. उन्हें बहुत कम संख्या की उम्मीद है. वे राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं. हम भी ऐसी सीट की तलाश कर रहे हैं जो हमारे और उनके लिए सुविधाजनक हो."
शहजाद पूनावाला ने कहा- गठबंधन में मिशन और विजन की कमी
इस बीच, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दोनों दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन में मिशन और विजन की कमी है. उन्होंने आगे कहा कि ये वही दल हैं जो पंजाब और दिल्ली में एक-दूसरे के खिलाफ हैं, लेकिन गठबंधन को लेकर उनके संभावित प्रयास हरियाणा में उनकी हताशा को दिखाते हैं.
भाजपा नेता ने कहा, "भारतीय गठबंधन के पास कोई मिशन और विजन नहीं है. उनकी अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं और वे अपने भ्रम के सहारे काम करते हैं, और उन्हें मोदी को लेकर ऑब्सेशन है. वे अपने भ्रष्टाचार का बचाव करना चाहते हैं. इसलिए वे कुछ जगहों पर गठबंधन करते हैं, हालांकि, यह बाद में टूट जाता है. पंजाब में आप और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ हैं. दिल्ली में वे पहले एक साथ थे. अब हरियाणा में (आप और कांग्रेस के बीच) अनिश्चितताएं हैं."
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