नई दिल्ली : अखिलेश यादव ने मंगलवार को संसद भाषण के दौरान छात्रों का मुद्दा उठाते हुए पेपर लीक को लेकर मौजूदा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को खूब निशाने पर लिया. उन्होंने कहा सरकार नौजवानों को इसलिए नौकरी नहीं देना चाहती क्योंकि पीडीए (पिछाड़, दलित, अल्पसंख्यक) वालों को उसे आरक्षण देना पड़ेगा. यादव ने सरकार पर आरक्षण के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, "10 सालों की उपलब्धि इतनी ही रही कि शिक्षा माफिया का जन्म हुआ है. नौजवान परीक्षा देकर लौटता है तो उसे पता लगता है कि पेपर लीक हो गया है. उत्तर प्रदेश में केवल एक पेपर लीक नहीं हुआ है, जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं, सभी के पेपर लीक हुए हैं. केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बाकी प्रदेशों में भी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं.
नीट पेपर लीक पर कहा- सरकार जानबूझकर ऐसा करा रही
अखिलेश यादव ने नीट पेपर लीक मुद्दा उठाते हुए कहा, "2024 चुनाव के नतीजे आने के बाद देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा (NEET) का पेपर भी लीक हो गया. आखरि ये लीक हो क्यों रहा है, सच्चाई तो ये है कि ये सरकार नौकरी नहीं देना चाहती, इसलिए पेपर लीक करा रही है."
"पिछले 10 सालों की उपलब्धि बस इतनी रही है कि एक शिक्षा माफिया पैदा हुआ है जिसने तथाकथित अमृत काल में युवाओं की आशाओं को जहर दे दिया है. जो सरकार उम्मीद को मार दे वह ना तो वर्तमान को ना ही भविष्य को सुधार सकती है. सरकार आशा की प्रतीक होनी चाहिए, निराशा का नहीं."
"अगले हजार साल के झूठे सपने दिखाने वाले, आने वाले महीने की परीक्षाओं के लीक न होने की गारंटी कब लेंगे. जनता अब किसी की बहकावे में नहीं आने वाली."
सपा प्रमुख ने कहा कि अमृतकाल की बात करने वालों के लिए जनता का जागरण काल आ गया है. आज इस सदन में नये राजनीतिक जागरण काल के कई प्रतिनिधि बैठे हैं. अब जो बात होगी, सच्ची बात होगी.
अयोध्या की जीत को लेकर भाजपा सरकार पर कसा तंज
अयोध्या की जीत को लेकर तंज करते हुए अखिलेश ने कहा, "एक जीत और हुई है. मैं जानता हूं कि सत्ता पक्ष के लोग समझ गए होंगे. अयोध्या की जीत. यह भारत के परिपक्व मतदाताओं की लोकतांत्रिक समझ की जीत हुई है. और हम तो यह सुनते आए हैं कि 'होए वही जो राम रचि राखा' (तुलसीदास की चौपाई).
"ये है उसका फैसला- जिसकी लाठी में नहीं होती है आवाज, जो करते थे किसी को लाने का दावा वो हैं, खुद किसी के सहारे के लाचार."
वह इस दौरान बगल में बैठे अयोध्या से जीते हुए सांसद अवधेश प्रसाद के कंधे पर हाथ रखते हुए कहते हैं, "हम अयोध्या से लाए हैं उनके (राम) प्रेम का पैगाम, जो सच्चे मन से करते हैं सबका कल्याण. सदियों से जन गण जिनके गाता है गान, अभयदान देती जिनकी मंद-मंद मुस्कान, मानवता के लिए उठता जिनका तीर-कमान.
"जो असत्य पर सत्य की जीत का है नाम, उफनती नदी पर जो बांधे मर्यादा का बांध, वो अवध के राजा परुषोत्तम प्रभु राम, अयोध्या से लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम."
उन्होंने कहा कि कुछ बातें समय और काल से परे होती हैं. इसलिए आज यहां उत्तर प्रदेश के सदन में पढ़ा गया एक शेर याद आ गया. जो तब भी सही था और आज भी सही साबित हो रहा है..
"हजूरेआला आज तक खामोश बैठे हैं इसी ग़म में, मैफिल लूट ले गया जबकि सजाई हमने."
वह पीएम मोदी और बीजेपी के इस बार चुनाव में अकेले दम पर बहुमत ना पाने और इंडिया गठबंधन के मजबूत होने की ओर इशारा कर रहे थे.
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