अब रील बनाने वालों की नो एंट्री, VIP दर्शन भी बंद, जानें चारधाम यात्रा 2025 से जुड़ी जरुरी बातें

उत्तराखंड में पवित्र चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू हो रही है, लेकिन इस बार कुछ सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं. केदारनाथ-बद्रीनाथ के पंडा समाज ने तय किया है कि यूट्यूबर्स और वीडियो रील बनाने वालों की मंदिर परिसर में एंट्री पर रोक लगाई जाएगी.

Now no entry for reel makers VIP darshan also closed know important things related to Chardham Yatra 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

देहरादून: उत्तराखंड में पवित्र चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू हो रही है, लेकिन इस बार कुछ सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं. केदारनाथ-बद्रीनाथ के पंडा समाज ने तय किया है कि यूट्यूबर्स और वीडियो रील बनाने वालों की मंदिर परिसर में एंट्री पर रोक लगाई जाएगी. यदि कोई श्रद्धालु वीडियो शूट करते हुए पाया गया, तो उसे बिना दर्शन लौटाया जा सकता है. प्रशासन को भी इस फैसले की जानकारी दे दी गई है.

क्यों लिया गया यह फैसला?

केदारनाथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि पिछले साल वीडियो बनाने वालों की वजह से मंदिर परिसर में काफी अव्यवस्था फैल गई थी. 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में सिर्फ वीडियो बनाने के लिए ढोल-नगाड़ों का शोर मचाया गया, जिससे यात्रा मार्ग और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा.

अब मंदिर परिसर में कैमरा ऑन करने की अनुमति नहीं होगी, जिससे भक्तों को शांति से दर्शन करने का अवसर मिले.

VIP दर्शन की सुविधा भी होगी बंद

इसके अलावा, चारधाम यात्रा के दौरान पैसे देकर VIP दर्शन करने की सुविधा भी इस बार उपलब्ध नहीं होगी. बद्रीनाथ धाम के पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया के अनुसार, VIP दर्शन की परंपरा धार्मिक मर्यादा के खिलाफ है. इसलिए सभी श्रद्धालुओं को समान रूप से दर्शन करने की अनुमति होगी.

चारधाम यात्रा का शेड्यूल

चारधाम यात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से होगा.

30 अप्रैल: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे.

2 मई: केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

4 मई: बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से शुरू हो जाएगी.

यात्रा के दौरान नई व्यवस्थाएं

चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने 10 होल्डिंग क्षेत्र बनाए हैं. ये क्षेत्र हरिद्वार, ऋषिकेश, ब्यासी, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग, हरबटपुर, विकासनगर, बड़कोट और भटवाड़ी में स्थापित किए गए हैं.

यहां यात्रियों के लिए खाने-पीने, बिस्तर, दवाओं और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था होगी. पूरे यात्रा मार्ग को 10-10 किलोमीटर के सेक्टरों में बांटा गया है, जिसमें प्रत्येक सेक्टर में 6 पुलिसकर्मी बाइक पर गश्त करेंगे, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके.

अब तक 9 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन

यात्रा शुरू होने से पहले ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के तहत अब तक 9 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं. सबसे अधिक 2.75 लाख श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. बद्रीनाथ के लिए 2.24 लाख, यमुनोत्री के लिए 1.34 लाख, गंगोत्री के लिए 1.38 लाख और हेमकुंड साहिब के लिए 8,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा

यात्रा शुरू होने के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध होगी. इसके लिए पर्यटन विकास परिषद विशेष मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप और टोल-फ्री नंबर जारी करेगा. भक्त इन माध्यमों से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं.

चारों धामों में दर्शन के लिए टोकन प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और सभी श्रद्धालुओं को दर्शन का समान अवसर मिल सके.'

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