नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस वर्ष भारत की यात्रा पर आने वाले हैं. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यात्रा की तैयारियां की जा रही हैं. हालांकि, उन्होंने इसकी सटीक तारीख या महीना स्पष्ट नहीं किया.
लावरोव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद रूस की अपनी पहली विदेश यात्रा की थी. अब हमारी बारी है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय सरकार के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है."
यह बयान 'रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर' शिखर सम्मेलन के दौरान दिया गया, जिसका आयोजन रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (RIAC) ने किया.
पुतिन की पिछली भारत यात्रा और इसका महत्व
राष्ट्रपति पुतिन आखिरी बार 6 दिसंबर 2021 को भारत आए थे, जब उनकी यात्रा महज चार घंटे की थी. इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे, जिनमें मिलिट्री और तकनीकी सहयोग से जुड़े समझौते भी शामिल थे. साथ ही, दोनों देशों ने 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार को 30 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया था.
इस बार की यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फरवरी 2022 में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी. इससे दोनों देशों के बीच 2030 तक के आर्थिक सहयोग के नए रोडमैप को गति मिलने की उम्मीद है.
भारत-रूस व्यापार में नया लक्ष्य
भारत और रूस अपने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं. दोनों देशों ने इसे मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर सालाना करने पर सहमति जताई है.
2024 में मोदी की दो रूस यात्राएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2024 में दो बार रूस की यात्रा की. पहली यात्रा जुलाई में हुई थी, जब उन्होंने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया था. इसके बाद अक्टूबर में BRICS शिखर सम्मेलन के लिए वे दोबारा रूस गए.
पुतिन और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति
मार्च 2023 में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. यह आरोप यूक्रेन में बच्चों के अपहरण और उनके जबरन निर्वासन से संबंधित थे. यह पहला मौका था जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के किसी स्थायी सदस्य देश के नेता के खिलाफ ऐसा आदेश जारी हुआ था.
इसके बाद से पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से परहेज किया है. उन्होंने पिछले वर्ष भारत में हुए G20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया था और इस साल ब्राजील में हो रहे G20 समिट में भी उनकी अनुपस्थिति दर्ज की गई. इन दोनों आयोजनों में रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने प्रतिनिधित्व किया.
क्या होगी पुतिन की यात्रा की अहमियत?
राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा भारत-रूस रणनीतिक संबंधों को नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और वैश्विक कूटनीति से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बातचीत की संभावना है. साथ ही, यह देखना दिलचस्प होगा कि पुतिन की यह यात्रा रूस और पश्चिमी देशों के बीच जारी तनाव के बीच क्या नया समीकरण स्थापित करती है.
ये भी पढ़ें- मुकेश अंबानी फिर बने भारत के सबसे अमीर व्यक्ति, अडाणी दूसरे नंबर पर, रोशनी नाडार पहली बार टॉप-10 में