रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वह वोलोदिमिर जेलेंस्की को वैध राष्ट्रपति नहीं मानते. उनके मुताबिक, जेलेंस्की का कार्यकाल खत्म हो चुका है और अब वे संवैधानिक रूप से उस पद पर बने रहने के अधिकारी नहीं हैं. पुतिन के इस बयान से साफ है कि यूक्रेन के साथ भविष्य में कोई भी संभावित समझौता या संधि, अगर जेलेंस्की के साथ होती है, तो रूस उसकी वैधता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चुनौती दे सकता है.
“हम भी इंतजार करने के लिए तैयार हैं”
यूक्रेन के साथ बातचीत की संभावना पर पूछे गए सवाल पर पुतिन ने कहा, अगर उन्हें (यूक्रेनी नेतृत्व को) लगता है कि इंतजार करना बेहतर है, तो हमें भी कोई जल्दी नहीं है. हम भी इंतजार करने को तैयार हैं. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि बातचीत हमेशा शांति की दिशा में जरूरी होती है, लेकिन ऐसे प्रयासों की कानूनी वैधता और राजनीतिक सच्चाई भी उतनी ही अहम है.
जेलेंस्की सत्ता में बने रहने के संवैधानिक अधिकारी नहीं
पुतिन ने जोर देकर कहा कि जेलेंस्की का राष्ट्रपति कार्यकाल 2024 में समाप्त हो गया, इसके बावजूद वह अब भी सत्ता में बने हुए हैं. उन्होंने कहा, यूक्रेन के संविधान के अनुसार, यदि नए राष्ट्रपति का चुनाव नहीं होता, तो कार्यकारी शक्तियां संसद के अध्यक्ष को स्थानांतरित होनी चाहिए. लेकिन अब भी जेलेंस्की ही सत्ता पर बने हैं, जबकि उनका संवैधानिक अधिकार खत्म हो चुका है.
“रूस का संविधान आधारित शासन, लेकिन यूक्रेन…”
रूसी राष्ट्रपति ने जेलेंस्की की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मॉस्को की सरकार को हटाने की अपील पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गैर-जिम्मेदाराना और संविधान-विरोधी आचरण है.हमारी राजनीतिक व्यवस्था पूरी तरह संविधान पर आधारित है, हम कानूनों के अनुसार चलते हैं. लेकिन यूक्रेन में स्थिति अलग है. वहां संवैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है.
अगर जेलेंस्की समझौता करेंगे, तो उसकी वैधता पर सवाल होगा
रूस की स्पष्ट आपत्ति यह है कि अगर कोई शांति संधि या व्यापारिक समझौता यूक्रेन की ओर से जेलेंस्की करते हैं, तो उसे भविष्य में किसी भी मंच पर चुनौती दी जा सकती है. पुतिन ने कहा कि यूक्रेन का यह पूरा मामला भले ही उसका आंतरिक विषय हो, लेकिन जब बातचीत अंतरराष्ट्रीय प्रभाव रखने वाले समझौतों तक जाती है, तो उसमें नेतृत्व की वैधता एक मूलभूत आधार बन जाती है.
एक दिन पहले क्या हुआ था?
पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों से आग्रह किया था कि वे रूस की मौजूदा सरकार को गिराने के प्रयासों में समर्थन दें. इसके तुरंत बाद ही क्रेमलिन से यह कड़ा जवाब सामने आया है.
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