योगी सरकार का मिशन कायाकल्प, 1.29 लाख करोड़ से बदलेगी यूपी के शहरों की तस्वीर, 5 साल का मेगा प्लान तैयार

    UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने आने वाले वर्षों में राज्य के शहरों की सूरत बदलने के लिए एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी योजना का खाका तैयार किया है.

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    UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने आने वाले वर्षों में राज्य के शहरों की सूरत बदलने के लिए एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी योजना का खाका तैयार किया है. ₹1.29 लाख करोड़ की यह मेगा योजना वर्ष 2026 से 2031 तक लागू होगी और इसका उद्देश्य शहरों को अधिक साफ, सुरक्षित, आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है. हाल ही में यह विस्तृत योजना केंद्र सरकार को प्रस्तुत की गई है, जिसमें अगले पांच वर्षों में की जाने वाली परियोजनाओं और उनके लक्ष्यों को साफ तौर पर दर्शाया गया है.

    मूलभूत ढांचे में होगा बड़ा सुधार

    इस योजना की सबसे बड़ी प्राथमिकता शहरों का मजबूत और सुगम सड़क नेटवर्क बनाना है, जिस पर ₹30,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे. इससे सिर्फ शहरों के भीतर यातायात आसान नहीं होगा, बल्कि पास के कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों से बेहतर संपर्क भी स्थापित होगा, जिससे व्यापार, रोज़गार और निवेश को नया बल मिलेगा.

    शहरों को जलभराव से बचाने के लिए 27,500 करोड़ की ड्रेनेज योजना लाई गई है, जो बारिश के पानी के प्रभावी निकासी सिस्टम को मज़बूत करेगी. साथ ही, सीवरेज और स्वच्छता के लिए ₹15,000 करोड़, जबकि हर घर तक साफ पानी पहुंचाने के लिए ₹9,900 करोड़ खर्च किए जाएंगे. इसके रखरखाव और सुधार कार्यों पर अतिरिक्त ₹8,286 करोड़ का प्रावधान रखा गया है.

    पर्यावरण और स्वास्थ्य को मिलेगी प्राथमिकता

    पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. शहरों में हरियाली बढ़ाने और बागवानी परियोजनाओं के लिए ₹1,265 करोड़, जबकि प्रदूषण मुक्त अंतिम संस्कार के लिए इलेक्ट्रिक श्मशान घाटों पर ₹990 करोड़ खर्च होंगे. इसके साथ ही, 17 बड़े शहरों और 3 एनसीआर क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए ₹3,120 करोड़ की योजना लागू होगी.

    समाज के हर वर्ग के लिए योजनाएं

    यह योजना हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखती है. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए ₹350 करोड़, बुजुर्गों की देखरेख के लिए ₹850 करोड़, और पशु कल्याण के लिए ₹525 करोड़ की परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं. साथ ही, डिजिटल लाइब्रेरी के ज़रिए युवाओं को सीखने के नए अवसर देने के लिए ₹1,490 करोड़, और शहरी प्रशासन को पारदर्शी बनाने के लिए 'स्मार्ट पालिका योजना' में ₹1,400 करोड़ खर्च होंगे.

    सशक्त समुदाय, सशक्त शहर

    लोगों के सामाजिक जुड़ाव और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए ₹1,450 करोड़ के सामुदायिक सभागार, ₹1,000 करोड़ के खुले जिम, और ₹5,935 करोड़ की शहरी परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा.

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