यूपी के इस जिले में फिर बहेगी लुप्त हो चुकी नदी, शुरू हुआ ये खास अभियान, कई गांवों को होगा फायदा

    Jaunpur River News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में बहुप्रतीक्षित पीली नदी के पुनरुद्धार का अभियान जोर-शोर से शुरू हो चुका है. बदलापुर विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरने वाली यह नदी दशकों से किसानों के लिए जीवनदायिनी रही है, लेकिन हाल के वर्षों में यह पूरी तरह सूखने के कगार पर पहुंच गई थी.

    Campaign to revive Peeli river in Jaunpur
    Photo: Internet

    Jaunpur River News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में बहुप्रतीक्षित पीली नदी के पुनरुद्धार का अभियान जोर-शोर से शुरू हो चुका है. बदलापुर विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरने वाली यह नदी दशकों से किसानों के लिए जीवनदायिनी रही है, लेकिन हाल के वर्षों में यह पूरी तरह सूखने के कगार पर पहुंच गई थी. अब भाजपा विधायक रमेश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में ‘बदलापुर संकल्पित, पीली नदी संरक्षित’ अभियान के जरिए नदी को पुनः जीवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं.

    पीली नदी का महत्व: जीवन का स्रोत

    पीली नदी, जो सुलतानपुर-प्रतापगढ़ की सीमा पर तातो मुरैनी ताल से निकलती है, करीब 70 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए जौनपुर जिले के बदलापुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों से होकर गुजरती है और अंततः गोमती नदी में मिल जाती है. यह नदी हजारों किसानों के लिए सिंचाई का प्रमुख साधन रही है. नदी के सूखने से ना केवल खेती प्रभावित हो रही थी, बल्कि आसपास के गांवों में भूजल स्तर में भी तेज गिरावट आ रही थी. इस कारण किसानों के साथ-साथ स्थानीय लोगों का जीवन भी संकट में था.

    ‘बदलापुर संकल्पित, पीली नदी संरक्षित’

    12 जून 2025 को आयोजित भूमिपूजन के साथ इस अभियान की आधिकारिक शुरुआत हुई. विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने इस मौके पर कहा कि यह परियोजना बदलापुर के किसानों के लिए वरदान साबित होगी. उन्होंने बताया कि बारिश में कमी और अवैध कब्जे के कारण नदी का जलस्तर लगातार घट रहा था, जिससे क्षेत्र की कृषि और जीव-जंतुओं की स्थिति बिगड़ रही थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि नदी के पुनरुद्धार से क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र को नई ऊर्जा मिलेगी.

    किसानों की राहत के लिए तकनीकी मदद

    अभियान के तहत नदी के किनारों की मरम्मत के लिए जेसीबी जैसी भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह कार्य नदी के प्रवाह को सुचारु बनाए रखने और जल संरक्षण के लिए बेहद आवश्यक है. विधायक मिश्र ने बताया कि जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं, जहां नदी के संरक्षण और सतत जल प्रवाह के लिए रणनीति बनाई गई है.

    स्थानीय समर्थन और सामाजिक भागीदारी

    इस महत्वपूर्ण अभियान में स्थानीय ग्रामीणों और समाजसेवी संस्थाओं की भी अहम भूमिका होगी. नदी के किनारे बसे गांवों के लोग इस कार्य में सहयोग देंगे ताकि अवैध कब्जों को रोका जा सके और नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बहाल किया जा सके. विधायक ने जोर देकर कहा कि केवल सरकारी प्रयास ही नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास से ही पीली नदी का पुनरुद्धार संभव है.

    भूजल संकट और नदी की सुरक्षा

    स्थानीय अधिकारी बताते हैं कि नदी के सूखने से भूजल स्तर में गिरावट आई है, जो आने वाले समय में व्यापक जल संकट की तरफ इशारा करता है. नदी की भूमि पर लगातार अवैध कब्जों के खतरे के कारण इसका अस्तित्व भी खतरे में है. मार्च 2025 से ही नदी का पानी सूखने लगा था, जिससे क्षेत्रवासियों में चिंता की लहर दौड़ गई थी. ऐसे में प्रशासन द्वारा नदी में पानी छोड़ने की मांग भी उठ रही है.

    नदी बचाओ, जीवन बचाओ

    पीली नदी का पुनरुद्धार सिर्फ एक नदी को बहाल करने का मामला नहीं, बल्कि यह किसानों की रोज़ी-रोटी, ग्रामीण जीवन और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ है. ‘बदलापुर संकल्पित, पीली नदी संरक्षित’ अभियान के सफल होने से यह क्षेत्र फिर से हरियाली, खुशहाली और समृद्धि की ओर बढ़ेगा. उम्मीद है कि जल्द ही पीली नदी की कल-कल बहती धारा फिर से जीवन को तरोताजा कर देगी.

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