दिल्लीवालों ने ली राहत की सांस! बाढ़ का खतरा टला, यमुना का जलस्तर घटा... घरों को साफ करने पहुंचे लोग

    बीते हफ्ते तक बाढ़ के खतरे से जूझ रही दिल्ली को अब कुछ राहत मिली है. यमुना नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है और अब यह खतरे के निशान से नीचे आ चुका है.

    Yamuna water level in Delhi drops below danger mark flood threat subsides
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    नई दिल्ली: बीते हफ्ते तक बाढ़ के खतरे से जूझ रही दिल्ली को अब कुछ राहत मिली है. यमुना नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है और अब यह खतरे के निशान से नीचे आ चुका है. हालांकि, दिल्ली की राहत के बीच मथुरा और आगरा जैसे शहरों में यमुना की बाढ़ जैसी स्थिति अब भी चिंता का कारण बनी हुई है.  

    सोमवार सुबह 7 बजे यमुना नदी का स्तर 205.22 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे है. पिछले गुरुवार को यह जलस्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया था, जो इस मानसून सीज़न का सबसे ऊंचा स्तर था. दिल्ली के पुराने रेलवे पुल, जो बाढ़ निगरानी के प्रमुख केंद्रों में से एक है, वहां भी अब स्थिति नियंत्रण में है. रविवार रात तक जलस्तर ठीक खतरे के निशान पर था, लेकिन अब लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है.

    अपने घरों में लौटे लोग, शुरू हुई सफाई

    जलस्तर घटते ही बाढ़ से प्रभावित इलाकों के लोग अपने घरों की सफाई में जुट गए हैं. जगह-जगह गाद और कीचड़ जमा है, जिसे हटाने का काम तेजी से चल रहा है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, मोरी गेट, मयूर विहार, मोनेस्ट्री मार्केट, मदनपुर खादर और यमुना बाजार जैसे इलाकों में पहले ही राहत कैंप बनाए गए थे, जहां बाढ़ से विस्थापित लोग अस्थायी रूप से रह रहे हैं.

    बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं

    जहां दिल्ली को बाढ़ से राहत मिल रही है, वहीं मथुरा और आगरा में यमुना अब भी कहर बरपा रही है. कई निचले इलाकों में पानी भर गया है, और प्रशासन को लगातार निगरानी करनी पड़ रही है.

    2023 की बाढ़ से भी बदतर स्थिति टली

    गौरतलब है कि जुलाई 2023 में दिल्ली ने बाढ़ की अब तक की सबसे भीषण स्थिति का सामना किया था. उस वक्त यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे करीब 25,000 से अधिक लोगों को विस्थापित किया गया था. इस बार हालांकि हालात उतने गंभीर नहीं हुए, लेकिन तैयारी और अलर्ट का स्तर वैसा ही रहा.

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