यमन के हूती विद्रोही गुट ने सोमवार तड़के इजरायल के विभिन्न लक्ष्यों पर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया. यह हमला इजरायल द्वारा यमन के हूती-नियंत्रित इलाकों पर किए गए हमलों के कुछ घंटे बाद हुआ, जिसमें इजरायली लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों ने रेड सी के तीन यमनी बंदरगाहों और एक पावर स्टेशन को निशाना बनाया था.
हूती गुट का बड़ा हमला
हूती गुट के सैन्य प्रवक्ता याह्या सरीआ ने पुष्टि की कि इस हमले में कुल 11 मिसाइल और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. इन हमलों में कुछ मिसाइलें इजरायल के बेन गुरियन हवाई अड्डे, अशदोद बंदरगाह और अश्केलोन स्थित पावर स्टेशन को निशाना बना रही थीं, जबकि आठ ड्रोन को एइलेट बंदरगाह की ओर भेजा गया.
सरीआ का दावा है कि ये मिसाइलें और ड्रोन अपने लक्ष्यों तक सफलतापूर्वक पहुंचे, और इजरायल की इंटरसेप्टर प्रणाली उन्हें रोकने में नाकाम रही. हूती गुट ने यह भी चेतावनी दी कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक इजरायल गाजा पर हमले और नाकाबंदी नहीं रोकता.
इजरायल पर असर
इस हमले के बाद, इजरायल की रक्षा बलों (आईडीएफ) ने पुष्टि की कि दो मिसाइलों के हमले से यरुशलम, जुडियन डेजर्ट, डेड सी क्षेत्र और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में कई बस्तियों में सायरन बजने लगे. हालांकि, इजरायल की आपात सेवा 'मगन डेविड एडोम' ने इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं दी. आईडीएफ ने यह भी कहा कि मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने के प्रयास किए गए और परिणामों की समीक्षा की जा रही है.
इजरायल का पलटवार
इजरायल के हमले के कुछ घंटे पहले हूती गुट ने यह जवाबी हमला किया था. इजरायल ने यमन के हूती-नियंत्रित इलाकों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए थे, जिसमें हुदैदा, रास इसा और अस सलीफ बंदरगाहों के साथ-साथ रास कान्तिब पावर स्टेशन को भी निशाना बनाया गया.
इजरायल ने आरोप लगाया कि हूती गुट ने हाल ही में कब्जे में लिए गए गैलेक्सी लीडर जहाज पर रडार तैनात कर लिया था और उस जहाज से रेड सी में जहाजों की निगरानी शुरू कर दी थी. इसके अलावा, इजरायल ने यह भी दावा किया कि यमन के बंदरगाह अब ईरान से मिसाइलों और ड्रोन की तस्करी का केंद्र बन गए हैं, जो बाद में इजरायल पर हमलों में उपयोग किए जाते हैं. हालांकि, ईरान और हूती गुट दोनों ने इन आरोपों को नकारा किया है.
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