नाबालिगों को भी पोर्न कंटेंट परोस रहा X, बच्चे भी बना सकते हैं अकाउंट, फिर क्यों नहीं हो रहा एक्शन?

    भारत सरकार जहां एक ओर OTT प्लेटफॉर्म्स पर चल रहे अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट पर शिकंजा कस रही है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) एक ऐसे छिपे हुए डिजिटल मंच के रूप में उभर रहा है, जहां बिना किसी आयु सत्यापन के नाबालिगों तक भी एडल्ट कंटेंट आसानी से पहुंच रहा है.

    X is serving porn content then why is no action being taken
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    नई दिल्ली: भारत सरकार जहां एक ओर OTT प्लेटफॉर्म्स पर चल रहे अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट पर शिकंजा कस रही है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) एक ऐसे छिपे हुए डिजिटल मंच के रूप में उभर रहा है, जहां बिना किसी आयु सत्यापन के नाबालिगों तक भी एडल्ट कंटेंट आसानी से पहुंच रहा है. X पर न सिर्फ़ पोर्नोग्राफ़ी को बढ़ावा दिया जा रहा है, बल्कि यह पोर्न साइट्स की तर्ज़ पर ऑपरेट होते हुए बड़ा मुनाफा कमाने वाला माध्यम भी बन चुका है.

    X पर खाता खोलने के लिए 13 वर्ष की आयु पर्याप्त है. यही वह बिंदु है जहां से समस्या की शुरुआत होती है. प्लेटफॉर्म में न तो आयु सत्यापन का कोई मज़बूत तंत्र है और न ही कंटेंट को बच्चों से दूर रखने का कोई सक्रिय उपाय. नतीजा यह है कि 13-14 साल की उम्र में ही बच्चे X के ज़रिए वयस्क कंटेंट से प्रभावित हो रहे हैं.

    भारत में क़ानूनी रूप से 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को एडल्ट कंटेंट देखना प्रतिबंधित है, लेकिन X पर इसके अनुपालन की कोई बाध्यता नहीं दिखाई देती.

    फ्री क्लिप्स के बहाने सब्सक्रिप्शन जाल

    X पर कई फेक प्रोफाइल्स अश्लील वीडियो की छोटी क्लिप्स साझा करते हैं, जिनमें उपयोगकर्ताओं को ऑफिशियल वेबसाइट्स या थर्ड पार्टी पोर्टल्स पर जाने का लिंक दिया जाता है. इन पोर्टल्स पर जाने के बाद या तो मोटी सब्सक्रिप्शन फीस मांगी जाती है या फिर उपयोगकर्ताओं के डिवाइस में मालवेयर और वायरस डाल दिए जाते हैं. यह वायरस निजी जानकारी, तस्वीरें और वीडियो तक चुरा लेते हैं और बाद में ब्लैकमेलिंग का रास्ता खोलते हैं.

    कई साइबर अपराधों में यह खुलासा हो चुका है कि इसी तरह की पोर्न प्रमोशन गतिविधियों से जुड़े यूजर्स को बाद में हैकर्स ने धमकी दी, पैसे ऐंठे और कुछ मामलों में आत्महत्या तक की नौबत आई.

    सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस की अवहेलना

    भारत के सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पोर्न कंटेंट, विशेष रूप से गैर-सहमति वाले और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले वीडियो पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. लेकिन X पर हालात अलग हैं. वहां कई वीडियो ऐसे देखे गए हैं जो कथित यौन शोषण, कुंभ मेले जैसे सार्वजनिक आयोजनों में महिलाओं के स्नान की गोपनीयता भंग करने और आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैं.

    5 जुलाई को सरकार ने लिया था एक्शन

    5 जुलाई 2025 को केंद्र सरकार ने अश्लील सामग्री फैलाने वाले 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को बंद करने का आदेश दिया. ALTT, Ullu, देसी फ्लिक्स जैसे कई बड़े प्लेटफॉर्म भी इस कार्रवाई की जद में आए. लेकिन X जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई ठोस प्रतिबंध नहीं लगाया गया, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है और भारत के कानूनी ढांचे से कुछ हद तक बाहर भी है.

    साइबर क़ानून विशेषज्ञ विराग गुप्ता के अनुसार, भारत में "इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स" के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को ऐसी सामग्री के विरुद्ध स्पष्ट नियंत्रण प्रणाली बनानी चाहिए. लेकिन फिलहाल, X पर यह अनुपस्थिति एक चिंताजनक स्थिति बन गई है.

    तकनीक और नैतिकता की टकराहट

    डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की निगरानी की मौजूदा प्रणाली तकनीकी रूप से सीमित और नीति रूप से अस्पष्ट है. सरकार ने भले ही 2021 में आईटी नियमों के जरिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन व्यवहार में इनका अनुपालन सुनिश्चित करना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है.

    इन गाइडलाइंस के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को "ग़रीवांस ऑफिसर" नियुक्त करना अनिवार्य है और कंटेंट की श्रेणियों का स्पष्ट वर्गीकरण करना होता है. लेकिन X जैसे प्लेटफॉर्म में न तो ऐसे अधिकारी दिखते हैं, न ही कंटेंट मॉडरेशन की कोई पारदर्शिता.

    OTT प्लेटफॉर्म्स की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता

    देश में ओटीटी का क्रेज़ 2013 में तब शुरू हुआ जब टीवी चैनल्स ने डिजिटल विस्तार करना शुरू किया. फिर 2015 में जब हॉटस्टार ने आईपीएल की स्ट्रीमिंग शुरू की, तब ओटीटी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी. लेकिन 2020 के लॉकडाउन ने अश्लील कंटेंट आधारित प्लेटफॉर्म्स को अप्रत्याशित व्यूअरशिप दिला दी.

    ALTT और Ullu जैसे प्लेटफॉर्म्स पर व्यूअरशिप 2020 में 60% तक बढ़ गई. ALTT के एक्टिव यूजर्स में 21% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. हालांकि अब सरकार ने इन पर रोक लगा दी है, लेकिन इसके समानांतर, X जैसे वैश्विक मंच पर कोई असर नहीं दिख रहा.

    अब क्या हो?: समाधान की तलाश

    आयु सत्यापन तंत्र की मजबूती: सरकार को चाहिए कि X और ऐसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए अनिवार्य आयु सत्यापन टूल्स को लागू करे.

    एआई आधारित कंटेंट फ़िल्टरिंग: अश्लील कंटेंट की पहचान के लिए एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का उपयोग किया जाए.

    भारतीय क़ानूनों के दायरे में लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग: X जैसे प्लेटफॉर्म को भारतीय क़ानूनों के तहत जवाबदेह बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक प्रयास किए जाएं.

    डिजिटल साक्षरता: माता-पिता और बच्चों को ऑनलाइन खतरे और डिजिटल सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाए.

    ये भी पढ़ें- न राफेल, न SU-57, न F-35... भारतीय सेनाओं को चाहिए DRDO का यह स्वदेशी हथियार, 36000 करोड़ की हुई डील