इन दिनों सोशल मीडिया पर एक अजीबोगरीब और हैरान करने वाला ट्रेंड वायरल हो गया है, जिसने मेडिकल एक्सपर्ट्स और आम यूजर्स को चिंता में डाल दिया है. मामला है एक महिला 'लाइफ कोच' का, जिन्होंने दावा किया कि सुबह के यूरीन से आंख धोने से ड्रायनेस, जलन और रेडनेस जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं. उन्होंने इसे "प्राकृतिक चिकित्सा" बताया — लेकिन डॉक्टर और मेडिकल कम्युनिटी इस दावे को खतरनाक और गुमराह करने वाला मान रहे हैं.
क्या है वायरल वीडियो में?
नूपुर पिट्टी नाम की इस महिला ने खुद को मेडिसिन फ्री लाइफ कोच बताते हुए एक वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था. वीडियो में उन्होंने बताया. सुबह की पहली पेशाब को एक छोटे ग्लास में इकट्ठा करें, फिर उसे आंखों में डालें और पलकें झपकाएं. इसके बाद तौलिए से आंखें पोछें और थोड़ी देर तक हाथों को आंखों पर रखें. उन्होंने इसे प्राकृतिक इलाज का नाम दिया और कहा कि इससे आंखों से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो जाती हैं.
Please don't put your urine inside your eyes. Urine is not sterile.
— TheLiverDoc (@theliverdr) June 25, 2025
Boomer aunties trying to be cool on Instagram is depressing...and terrifying.
Source: https://t.co/SQ5cmpSOfY pic.twitter.com/qgryL9YHfI
डॉक्टर्स का गुस्सा: ‘यूरीन स्टेराइल नहीं होता’
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, मेडिकल एक्सपर्ट्स ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. प्रसिद्ध डॉक्टर, जिन्हें सोशल मीडिया पर The Liver Doc के नाम से जाना जाता है, ने X (ट्विटर) पर इस वीडियो को रीपोस्ट करते हुए सख्त चेतावनी दी. अपनी आंखों में यूरीन न डालें. यह स्टेराइल नहीं होता है. यह ट्रेंड खतरनाक है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
यूजर्स की भी भड़ास
लोगों ने भी इस वीडियो पर जमकर नाराज़गी जाहिर की. एक यूजर ने लिखा: "यूरीन शरीर का वेस्ट है. उसमें बैक्टीरिया होते हैं और आप इसे आंख में डाल रहे हो? दूसरे ने तंज कसते हुए कहा: "नेचर की मेडिसिन नहीं, नेचर का रिस्क है ये. किसी ने मजाक में लिखा: "यूरीन के नशे में लगते हैं लोग!".विवाद बढ़ने के बाद, नूपुर ने यह वीडियो हटा दिया और बाद में दावा किया कि अब वह त्रिफला जल का उपयोग करती हैं.
क्या सच में खतरनाक है यूरीन से आई वॉश करना?
हां, विशेषज्ञों के अनुसार यूरीन में भले ही 95% पानी हो, लेकिन बाकी का हिस्सा यूरिया, यूरिक एसिड, अमोनिया, नमक और शरीर से निकले हुए विषाक्त तत्वों से बना होता है. इसके अलावा. यूरीन में मौजूद बैक्टीरिया और केमिकल्स आंखों में डालने से इंफेक्शन, एलर्जी या दृष्टि दोष हो सकता है. आंखें बेहद संवेदनशील अंग होती हैं, और किसी भी अस्वच्छ पदार्थ का संपर्क उन्हें गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.
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