शारीरिक ताकत में भले पीछे हों, लेकिन उम्र की रेस में आगे हैं महिलाएं... जानिए क्यों

    Male Mortality Rate: जब भी हम किसी पुरुष और महिला को एक साथ चलते, दौड़ते या काम करते देखते हैं, तो पहली नजर में लगता है कि पुरुष ज्यादा ताकतवर हैं. उनकी ऊंचाई, मसल्स और ऊर्जा सबकुछ दिखता है.

    Women may be behind in physical strength but they are ahead in the race of age know why
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    Male Mortality Rate: जब भी हम किसी पुरुष और महिला को एक साथ चलते, दौड़ते या काम करते देखते हैं, तो पहली नजर में लगता है कि पुरुष ज्यादा ताकतवर हैं. उनकी ऊंचाई, मसल्स और ऊर्जा सबकुछ दिखता है. लेकिन अगर हम नजरें हटाकर आंकड़ों की तरफ देखें, तो एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आती है, महिलाएं औसतन पुरुषों से ज्यादा जीती हैं, और अक्सर बेहतर सेहत के साथ.

    ये बात सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि अमेरिका, जापान से लेकर यूरोप तक की है. दुनियाभर में महिलाओं की जीवन प्रत्याशा (life expectancy) पुरुषों से ज्यादा होती है. आखिर क्यों? क्या ये कोई जैविक चमत्कार है या फिर उनके जीने का तरीका? चलिए, इस सवाल के जवाब में उतरते हैं गहराई से:

    1. जन्म से ही जीवन के लिए बेहतर तैयार

    जैविक रूप से महिलाएं पहले दिन से ही एक मजबूत आधार लेकर आती हैं. जन्म के समय लड़कियों की मृत्युदर नवजात लड़कों से कम होती है. वैज्ञानिक बताते हैं कि महिलाओं के पास दो X क्रोमोजोम होते हैं, जबकि पुरुषों के पास एक X और एक कमजोर Y क्रोमोजोम होता है. यही X क्रोमोजोम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है. यानी, लड़कियां जन्म से ही बीमारी से लड़ने के लिए ज्यादा सक्षम होती हैं.

    2. हार्मोन: जो रक्षा भी करते हैं और संतुलन भी

    जहां पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन होते हैं जो शरीर को मांसल और मजबूत बनाते हैं, वहीं महिलाओं में एस्ट्रोजन होता है जो दिल की रक्षा करता है, शरीर को संतुलन में रखता है और सूजन को कम करता है. टेस्टोस्टेरोन समय के साथ शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है, जबकि एस्ट्रोजन उम्र बढ़ने के साथ भी स्वास्थ्य में सहायक रहता है.

    3. जीवनशैली का बड़ा फर्क

    पुरुष अक्सर जोखिम भरी आदतों में उलझ जाते हैं, जैसे धूम्रपान, शराब, तंबाकू और तेज ड्राइविंग. वहीं महिलाएं स्वाभाविक रूप से घर और परिवार के साथ जुड़ी होती हैं, और अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहती हैं. आत्महत्या, एक्सीडेंट और हिंसा से पुरुषों की मृत्यु दर अधिक होती है, जिससे औसतन उनकी उम्र कम हो जाती है.

    4. दिल और मेटाबोलिज्म, दोनों में महिलाएं आगे

    महिलाओं के शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) ज्यादा होता है, जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है. उनकी मेटाबोलिक रेट भी अक्सर बेहतर होती है, जिससे उन्हें डायबिटीज, मोटापा और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां कम परेशान करती हैं. दिल की बीमारियों के मामले में पुरुष कहीं ज्यादा असुरक्षित होते हैं.

    5. जानलेवा बीमारियों से भी कम जूझती हैं महिलाएं

    जहां पुरुषों में लिवर, लंग्स और प्रोस्टेट कैंसर जैसे बीमारियों की संभावना ज्यादा होती है, वहीं महिलाएं ब्रेस्ट और यूट्रस कैंसर जैसी बीमारियों से जूझती हैं, जो आधुनिक इलाज से जल्दी काबू में आ जाती हैं. इसके अलावा, पुरुषों में किडनी, हाई ब्लड प्रेशर और दिल के रोग ज्यादा देखे जाते हैं, जो जीवन को छोटा कर सकते हैं.

    तो क्या महिलाएं वाकई ज़्यादा मजबूत होती हैं?

    शायद शारीरिक ताकत की तुलना में नहीं, लेकिन जीवन की दौड़ में हां. वे धैर्यवान हैं, सामाजिक रूप से जुड़ी रहती हैं, मानसिक रूप से संतुलित होती हैं और अपना ध्यान रखना जानती हैं. यही कारण है कि वे पुरुषों की तुलना में ज़्यादा दिन जीती हैं, और अक्सर बेहतर स्वास्थ्य के साथ.

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