PM Modi SCO Summit: चीन के तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और रूस के बीच संबंधों की गर्मजोशी ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरीं.
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन न सिर्फ SCO मंच पर साथ दिखे, बल्कि उसके बाद हुई द्विपक्षीय वार्ता के लिए दोनों एक ही कार में बैठकर रवाना हुए. यह दृश्य केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत-रूस के मजबूत और भरोसेमंद रिश्तों का प्रतीक बन गया.
After the proceedings at the SCO Summit venue, President Putin and I travelled together to the venue of our bilateral meeting. Conversations with him are always insightful. pic.twitter.com/oYZVGDLxtc
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
मोदी ने साझा की तस्वीर, लिखा- “बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है”
पीएम मोदी ने खुद इस पल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर साझा किया. तस्वीर में मोदी और पुतिन साथ बैठे हुए हैं, मुस्कुराते हुए और गहराई से संवाद करते नजर आ रहे हैं. इस पोस्ट में मोदी ने लिखा, "एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैं द्विपक्षीय बैठक स्थल पर साथ-साथ गए. उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है." यह सिर्फ एक पोस्ट नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत और रूस के बीच संवाद का स्तर औपचारिकताओं से कहीं आगे निकल चुका है.
टैरिफ वार और वैश्विक तनाव के बीच अहम बैठक
SCO समिट से इतर यह भारत-रूस की द्विपक्षीय बैठक ऐसे समय पर हुई, जब अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के चलते अतिरिक्त टैरिफ थोप दिए हैं. ऐसे में पुतिन-मोदी की यह बातचीत यूक्रेन युद्ध, वैश्विक कूटनीति और तेल व्यापार जैसे मुद्दों पर एक रणनीतिक समन्वय का संकेत देती है. विशेषज्ञों की मानें तो यह बैठक ट्रंप की टैरिफ नीति और पश्चिमी दबाव के बीच भारत के संतुलित कूटनीतिक रुख को और मजबूती देती है.
जिनपिंग के साथ भी दिखी सौहार्द्र
सम्मेलन के दौरान एक और महत्वपूर्ण क्षण तब सामने आया जब प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग साथ दिखे. तीनों नेताओं की एक साथ बातचीत की तस्वीरें भी सामने आईं, जिन्हें मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, "तियानजिन में बातचीत का सिलसिला जारी. एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी के साथ विचार-विमर्श किया. राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात है." यह स्पष्ट संकेत है कि भारत कूटनीति के मंच पर सक्रिय, सम्मानित और संतुलित भूमिका निभा रहा है, जिसमें वह रूस, चीन और पश्चिम, सभी के साथ संवाद बनाए रखता है.