ChatGPT के इस्तेमाल में पुरुषों से आगे महिलाएं, AI चैटबॉट से क्या पूछे जा रहे सवाल? स्‍टडी में खुलासा

    ChatGPT का इस्तेमाल दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है. बच्चे हों या बुजुर्ग, स्टूडेंट्स हों या प्रोफेशनल्स लगभग हर वर्ग के लोग अब एआई चैटबॉट की मदद ले रहे हैं.

    Women ahead of men in the use of ChatGPT AI chatbot
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    ChatGPT का इस्तेमाल दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है. बच्चे हों या बुजुर्ग, स्टूडेंट्स हों या प्रोफेशनल्स लगभग हर वर्ग के लोग अब एआई चैटबॉट की मदद ले रहे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लोग वास्तव में ChatGPT से क्या करवाते हैं? क्या यह सिर्फ पढ़ाई या काम तक सीमित है, या लोग इससे अपनी निजी जिंदगी से जुड़े सवाल भी पूछ रहे हैं? OpenAI की एक नई और बड़ी स्टडी में इससे जुड़े कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं.

    इस स्टडी के डेटा का विश्लेषण टेक जर्नलिस्ट एंथनी कुथबर्टसन ने किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त महीने में ChatGPT दुनिया का सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप रहा. आज की तारीख में हर 10 में से 1 वयस्क व्यक्ति इसका इस्तेमाल कर रहा है. इसके बावजूद अब तक यह पूरी तरह साफ नहीं था कि यूजर्स ChatGPT को किस उद्देश्य से सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं.

    रोजमर्रा के कामों में सबसे ज्यादा उपयोग

    स्टडी के मुताबिक, ज्यादातर लोग ChatGPT का इस्तेमाल अपने रोजमर्रा के काम आसान बनाने के लिए कर रहे हैं. कई यूजर्स ईमेल लिखने या उनका जवाब तैयार करने के लिए इसका सहारा लेते हैं. छात्र-छात्राएं होमवर्क, प्रोजेक्ट और नोट्स बनाने में ChatGPT का उपयोग कर रहे हैं.

    Independent.co.uk की रिपोर्ट के अनुसार, OpenAI ने यह भी बताया कि ChatGPT का इस्तेमाल सिर्फ सामान्य कामों तक सीमित नहीं है. OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन के मुताबिक, लोग इससे कानूनी सलाह, मेडिकल से जुड़े सवाल और यहां तक कि निजी जीवन को लेकर सलाह भी मांग रहे हैं. हालांकि कंपनी ने यह साफ नहीं किया कि इस तरह के संवेदनशील सवाल कितनी बड़ी संख्या में पूछे जाते हैं.

    काम से ज्यादा निजी जरूरतों के लिए इस्तेमाल

    रिपोर्ट की सबसे अहम बात यह है कि ChatGPT का इस्तेमाल केवल प्रोफेशनल काम के लिए नहीं हो रहा. आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ करीब 30 फीसदी लोग ही इसे अपने पेशेवर कार्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं. बाकी बड़ी संख्या में लोग इसे निजी जरूरतों, जानकारी हासिल करने और मार्गदर्शन के लिए उपयोग कर रहे हैं.

    OpenAI की इकोनॉमिक रिसर्च टीम ने सितंबर में ChatGPT पर पहली बड़ी स्टडी की थी. इस रिसर्च में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री डेविड डेमिंग भी शामिल थे. टीम ने करीब 15 लाख यूजर्स और ChatGPT के बीच हुई बातचीत का विश्लेषण किया, जिससे यूजर्स के व्यवहार और इस्तेमाल के पैटर्न को समझा जा सका.

    ChatGPT इस्तेमाल करने के तीन मुख्य तरीके

    स्टडी में सामने आया कि लोग ChatGPT को मुख्य रूप से तीन तरीकों से इस्तेमाल कर रहे हैं—

    • पूछना (Ask): जानकारी, सलाह या किसी विषय पर स्पष्टीकरण लेना
    • करना (Do): कोई काम करवाना, जैसे लिखना, सारांश बनाना या प्लान तैयार करना
    • बताना (Tell): अपने बारे में बताना, विचार साझा करना या आत्ममंथन करना

    डेटा के मुताबिक, तीन-चौथाई से ज्यादा बातचीत में यूजर्स प्रैक्टिकल सलाह, जानकारी या लेखन से जुड़े सवाल पूछ रहे थे.

    हर हफ्ते 70 करोड़ यूजर्स कर रहे इस्तेमाल

    इस स्टडी में यह भी सामने आया कि हर हफ्ते करीब 70 करोड़ लोग ChatGPT का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह आंकड़ा दिखाता है कि एआई अब सिर्फ एक टूल नहीं रह गया है, बल्कि धीरे-धीरे गूगल जैसे सर्च इंजन की जगह भी ले रहा है. इसके साथ ही ChatGPT एक पर्सनल असिस्टेंट की तरह भी काम कर रहा है, जो यूजर्स को तुरंत और व्यक्तिगत जवाब देता है.

    पुरुषों से ज्यादा महिलाएं कर रहीं इस्तेमाल

    रिसर्च में जेंडर से जुड़ा एक बड़ा बदलाव भी देखने को मिला है. आंकड़ों के मुताबिक, अब ChatGPT इस्तेमाल करने वालों में महिलाएं पुरुषों से आगे निकल चुकी हैं.

    स्टडी बताती है कि महिलाएं AI टूल का इस्तेमाल मुख्य रूप से काम से जुड़ी सलाह, लेखन में मदद और प्लानिंग के लिए कर रही हैं. वहीं, पुरुष ChatGPT का इस्तेमाल ज्यादा तकनीकी सवालों, कोडिंग और मल्टीमीडिया से जुड़े कामों के लिए करते हैं.

    एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि शुरुआती दौर में ChatGPT के ज्यादातर यूजर्स पुरुष थे, लेकिन समय के साथ यह ट्रेंड बदल गया है. अब पुरुषों की तुलना में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा देखने को मिल रही है.

    इस्तेमाल के पैटर्न में बदलाव

    स्टडी के अनुसार, आधे से ज्यादा मैसेज ‘पूछने’ की कैटेगरी में आते हैं. ‘करने’ से जुड़े कामों का हिस्सा करीब 35 फीसदी रहा, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 10 फीसदी कम है. वहीं, ‘बताना’ यानी खुद के विचार या भावनाएं साझा करने वाले मैसेज करीब 14 फीसदी रहे.

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