Israel hamas war: गाजा पट्टी में शांति की संभावनाओं पर एक बार फिर संकट के बादल गहराते नज़र आ रहे हैं. एक ओर जहां मिस्र और कतर की मध्यस्थता में युद्धविराम वार्ता चल रही है, वहीं दूसरी ओर इस्राइल ने हमास को कड़ी चेतावनी देते हुए बड़े सैन्य अभियान की तैयारी शुरू कर दी है. इस्राइल के रक्षा मंत्री योआव गैलांट के बाद अब रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज़ ने भी दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर हमास इस्राइल की शर्तों को नहीं मानता, तो गाजा सिटी को राफा और बेत हनून जैसा बना दिया जाएगा, यानी पूरी तरह तबाह.
काट्ज़ ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "गाजा में हमास के हत्यारों और बलात्कारियों के सिर पर अब नरक के द्वार खुलने वाले हैं. जब तक वे इस्राइल की शर्तों पर युद्ध खत्म करने को राज़ी नहीं होते, तब तक उन्हें राहत नहीं मिलेगी."
इस्राइल की शर्तें क्या हैं?
सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई
हमास का पूर्ण निरस्त्रीकरण
हालांकि, हमास इस प्रस्ताव को अस्वीकार करता है जब तक फलस्तीनी राज्य निर्माण की कोई ठोस योजना सामने न आए. हाल ही में हमास ने मिस्र-कतर द्वारा प्रस्तावित एक युद्धविराम योजना पर सहमति जताई थी, लेकिन इस्राइल अब तक इस पर आधिकारिक तौर पर राज़ी नहीं हुआ है.
गाजा में नया सैन्य अभियान
इस्राइल ने गाजा सिटी के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में नए ज़मीनी हमले की तैयारी शुरू कर दी है. रक्षा मंत्रालय ने 60,000 नए रिजर्व सैनिकों को बुलाने की मंजूरी दी है, जबकि 20,000 मौजूदा सैनिकों की सेवा अवधि बढ़ा दी गई है. इस बार सेना का मुख्य लक्ष्य है, हमास की भूमिगत सुरंगें, जिनका इस्तेमाल संगठन हथियारों की तस्करी और छिपने के लिए करता रहा है.
नेतन्याहू का स्पष्ट संकेत
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि इस्राइल के लिए दो लक्ष्य समानांतर रूप से ज़रूरी हैं, बंधकों की सुरक्षित वापसी और हमास की पराजय. उन्होंने सेना की गाजा कमांड यूनिट से मुलाकात के दौरान कहा कि अगर हमास बंधकों को छोड़ना चाहता है, तो उसे इस्राइल की शर्तें माननी होंगी.
नया युद्धविराम प्रस्ताव: क्या फर्क है?
नया प्रस्ताव पहले के ही प्रारूप पर आधारित है, जिसमें बंधकों की रिहाई के बदले फलस्तीनी कैदियों की रिहाई, इस्राइली सेना का क्रमिक पीछे हटना और स्थायी संघर्षविराम पर भविष्य में वार्ता शामिल है. इससे पहले इस्राइल इस प्रारूप पर सहमत हुआ था, लेकिन बाद में वार्ता रुक गई.
गाजा में मानवीय संकट गहराया
गुरुवार को इस्राइली हमलों में कम से कम 36 फलस्तीनी मारे गए. संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों के अनुसार, गाजा के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. 75% इलाका इस्राइली नियंत्रण में है, लेकिन स्थानीय नागरिकों का कहना है कि गाजा में कहीं भी सुरक्षित जगह नहीं बची है. उधर, इस्राइल के भीतर यह चिंता गहराई है कि नया सैन्य अभियान वहां अब भी बचे हुए लगभग 20 बंधकों के जीवन को खतरे में डाल सकता है.
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