क्या रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा भारत? जानें ट्रंप के बयान पर भारतीय कंपनियों ने क्या कहा

    India On Russian Oil: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर बड़ा बयान देकर भू-राजनीतिक हलचल तेज़ कर दी है. उनका दावा है कि भारत अब रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है.

    Will India stop buying oil from Russia Know what the companies said on Trump statement
    Image Source: ANI

    India On Russian Oil: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर बड़ा बयान देकर भू-राजनीतिक हलचल तेज़ कर दी है. उनका दावा है कि भारत अब रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है. यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप खुद टैरिफ को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं और 70 से अधिक देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा कर चुके हैं, जिसमें भारत भी शामिल है.

    हालांकि, भारत का रुख इस मुद्दे पर अब तक काफी स्पष्ट रहा है, ऊर्जा सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसके लिए वह रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा. चाहे अमेरिका क्या कहे.

    ट्रंप का दावा और वास्तविकता

    एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. मैंने ऐसा सुना है, लेकिन यह सही है या नहीं, मुझे नहीं पता. अगर यह सच है, तो यह एक अच्छा कदम होगा." उनके इस बयान के बाद वैश्विक ऊर्जा बाज़ारों और कूटनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है.

    मगर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है. भारत की तेल कंपनियों ने साफ किया है कि उन्हें रूस से तेल खरीद बंद करने को लेकर कोई निर्देश नहीं मिला है और न ही इस तरह की कोई योजना बनाई गई है.

    भारत की रणनीतिक मजबूरी या स्वतंत्र नीति?

    रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक और निर्यातक है. भारत, जो अपनी ऊर्जा ज़रूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयात करता है, रूस से किफायती दरों पर तेल खरीद रहा है, खासकर पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद. भारत का रुख शुरू से ही साफ रहा है कि वह किसी एक ध्रुव की राजनीति में नहीं बंधेगा. इस परिप्रेक्ष्य में ट्रंप का यह दावा, भले ही चुनावी बयानबाज़ी का हिस्सा हो, भारत की स्वतंत्र ऊर्जा नीति के सामने कोई बड़ा असर नहीं डालता.

    टैरिफ का तीर और दोस्ती की बात 

    एक तरफ ट्रंप भारत को "दोस्त" बताते हैं, तो दूसरी तरफ वह भारत पर 25% टैरिफ और रूस से सैन्य उपकरण खरीदने के लिए जुर्माने की चेतावनी भी दे रहे हैं. उन्होंने कहा था, "भारत ने हमेशा रूस से सैन्य उपकरण खरीदे हैं और व्यापार में भी हमारे साथ संतुलन नहीं रखा है." ऐसे में सवाल यह है कि क्या ट्रंप के बयानों से भारत-अमेरिका रिश्तों में दरार आ सकती है या यह सिर्फ राजनैतिक शोर है?

    रूस पर प्रतिबंध नहीं, सिर्फ पश्चिमी सीमाएं

    गौर करने वाली बात यह भी है कि रूसी तेल पर अभी तक अमेरिका या यूरोपीय संघ की ओर से कोई सीधा प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. हां, पश्चिमी देशों ने रूस से तेल खरीदने के लिए मूल्य सीमा (Price Cap) ज़रूर तय की है, जिसे भारत की तेल कंपनियां भी पालन कर रही हैं.

    ईरान और वेनेजुएला जैसे देशों से भारत कच्चा तेल नहीं खरीद रहा, क्योंकि उन पर अमेरिकी प्रतिबंध हैं. लेकिन रूस के मामले में भारत ने अभी तक किसी अमेरिकी दबाव के आगे झुकने के संकेत नहीं दिए हैं.

    यह भी पढ़ें- SAAW जिसने पाकिस्तान के घर में घुसकर की पिटाई, उसे अपग्रेड करने की तैयारी कर रहा भारत