नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक वैवाहिक विवाद का अंत करते हुए एक महिला की संवेदनशीलता और ईमानदारी की प्रशंसा की है. अदालत ने कहा कि यह उन “अत्यंत दुर्लभ मामलों” में से है, जहां पत्नी ने न केवल किसी आर्थिक मुआवजे की मांग नहीं की, बल्कि विवाह के समय पति की मां द्वारा दिए गए सोने के कंगन भी वापस कर दिए. जस्टिस की पीठ ने इस कदम को “विरले और सराहनीय” बताया.
सुनवाई के दौरान महिला की ओर से पेश वकील ने शुरुआत में ही अदालत को अवगत कराया कि उनकी मुवक्किल ने न तो भरण-पोषण की मांग रखी है और न ही किसी प्रकार का अन्य वित्तीय दाव़ा किया है. वकील ने स्पष्ट किया कि तलाक के समझौते में उन्हें केवल वही कंगन वापस करने हैं, जो विवाह के समय ससुराल पक्ष की ओर से भेंट किए गए थे.
कोर्ट ने समझा कि पत्नी स्त्रीधन की वापस मांग रही
जब मामले की जानकारी अदालत को दी गई, तो शुरुआत में पीठ ने यह माना कि शायद पत्नी अपने स्त्रीधन की वापसी चाहती है, जैसा कि अधिकतर दावों में होता है. लेकिन महिला के वकील ने तुरंत स्पष्ट किया कि स्थिति ठीक उलटी है- महिला अपना कुछ वापस नहीं मांग रही, बल्कि स्वयं उन गहनों को वापस कर रही है, जो उसे विवाह के समय उपहार में मिले थे.
इस स्पष्टीकरण के बाद अदालत ने इस नैतिकता को अनोखा और अत्यंत दुर्लभ बताया.
यह समझौता कम देखने को मिलता है- सुप्रीम कोर्ट
पीठ की ओर से जस्टिस पारदीवाला ने टिप्पणी की कि उन्होंने तलाक के मामलों में बहुत कम ही ऐसा देखा है कि पत्नी किसी भी प्रकार की मांग किए बिना विवाह समाप्ति के लिए तैयार हो और साथ ही अपने पास मौजूद शादी के उपहार भी लौटा दे.
उन्होंने कहा, "यह उन समझौतों में से है जो अदालत में बहुत कम आते हैं. पत्नी ने किसी तरह का दावा नहीं किया है और उल्टा वे कंगन लौटाने पर जोर दिया है, जो उन्हें विवाह के समय मिले थे. यह कदम सराहनीय है और आजकल ऐसी निःस्वार्थता बहुत कम देखने को मिलती है."
कोर्ट ने महिला को संबोधित करते हुए आगे कहा कि वे अतीत को पीछे छोड़कर एक नए और सुखद जीवन की शुरुआत करें.
अनुच्छेद 142 के तहत विवाह को समाप्त किया गया
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का उपयोग करते हुए पति-पत्नी के विवाह को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया. अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच चल रही किसी भी अन्य लंबित कार्यवाही को भी यहीं समाप्त माना जाएगा, जिससे दोनों को आगे बढ़ने का रास्ता मिल सके.
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