Ajab Gazab: प्रकृति के चमत्कारों में कछुओं की लंबी उम्र हमेशा से एक रहस्य रही है. पृथ्वी पर जीवित रहने वाले सबसे लंबे जीवों में से एक कछुआ है, जिसकी कुछ प्रजातियां 150 से 250 साल तक जीवित रहती हैं. आज हम आपको कछुओं की लंबी उम्र के पीछे छिपे वैज्ञानिक कारणों और उनके बायोलॉजिकल प्रोसेस के बारे में बताएंगे, जिससे ये छोटे-से जीव इतने लंबे समय तक जीवित रह पाते हैं.
अलडाबरा टोरटॉयज – कछुओं का जीवनकाल चैंपियन
इतिहास में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले कछुओं में अलडाबरा टोरटॉयज का नाम प्रमुख है, जो करीब 256 साल तक जिंदा रहा. यह विशालकाय कछुआ सेशेल्स द्वीपसमूह में पाया जाता था. इस कछुए पर किए गए वैज्ञानिक शोधों ने कछुओं की लंबी उम्र से जुड़े कई रहस्यों को उजागर किया. इसकी लंबी उम्र के पीछे डीएनए की विशिष्ट संरचना और शरीर के मजबूत कवच का बड़ा योगदान माना गया.

कछुओं का कवच और उनकी सुरक्षा
कछुओं के शरीर पर एक कठोर कवच होता है जो उन्हें शारीरिक चोटों और शिकारी जानवरों से बचाता है. खतरे के समय ये अपने कवच के अंदर छुप जाते हैं, जिससे उनकी जान बच जाती है. इसके अलावा यदि कछुओं की छोटी उम्र से ही अच्छी देखभाल हो, तो वे लंबे समय तक स्वस्थ रह पाते हैं.
लंबी उम्र के पीछे का डीएनए रहस्य
वैज्ञानिकों का मानना है कि कछुओं की लंबी उम्र का मुख्य कारण उनके जीन में छिपा है. उनके डीएनए में ऐसे जीन वेरिएंट होते हैं जो सेल्स की मरम्मत करते रहते हैं और सेल की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं. सेल की मरम्मत और संरक्षण की इस प्रक्रिया को एंट्रोपी कहा जाता है. कछुओं के जीन सेल्स को जल्दी खराब होने से बचाते हैं, जिससे उनकी उम्र बढ़ जाती है.

अन्य लंबी उम्र वाले कछुए
दुनिया में कई अन्य कछुए भी पाए जाते हैं, जो 100 साल या उससे अधिक उम्र तक जीवित रहते हैं. अफ्रीकी रेतीले कछुए ‘सल्केट’ प्रजाति के कछुए भी सौ साल से ज्यादा जीवित रहने वाले हैं. इनकी लंबी उम्र भी उनके अनोखे जीन और सुरक्षित जीवनशैली से जुड़ी होती है.
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