बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर में आयोजित पंचायती राज दिवस समारोह सिर्फ एक प्रशासनिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि कई राजनीतिक संदेशों और भावनाओं का मंच बन गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष आगमन पर पूरा मंच तालियों की गूंज से भर उठा, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में राजनीतिक आत्मस्वीकृति और दृढ़ समर्थन दोनों का अद्भुत मिश्रण दिखाया.
"बीच में गड़बड़ कर दिए थे..."
अपने चिर-परिचित सहज अंदाज में नीतीश कुमार ने मंच से स्वीकार किया कि वे एक बार एनडीए से अलग हो गए थे. उन्होंने कहा कि "हमलोग शुरू से साथ थे, लेकिन बीच में गड़बड़ कर दिए थे. इन लोगों के कहने पर उधर चले गए थे, लेकिन फिर वही बोले कि वहां सब गड़बड़ है... तो हम लौट आए एनडीए में." उनका यह बयान न सिर्फ दर्शकों में हल्की मुस्कान लेकर आया, बल्कि यह एक स्पष्ट संकेत भी था – अब वे पूरी तरह से एनडीए के साथ हैं.
पीएम मोदी के लिए सम्मान और समर्थन
नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री का मधुबनी आगमन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि “आज बिहार को गैस, बिजली, रेल जैसी कई योजनाओं का तोहफा मिल रहा है.” उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बिहार को काफी कुछ मिला है. नीतीश कुमार ने मंच से जनता से अपील की – “आप सभी लोग पीएम मोदी के लिए ताली बजाइये.” "आतंक के खिलाफ देश एकजुट है" दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा “हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं और शहीदों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं.” उन्होंने भरोसा जताया कि “प्रधानमंत्री मोदी आतंकियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेंगे, पूरा देश उनके साथ खड़ा है.”
आरजेडी पर तीखा प्रहार
अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने पूर्ववर्ती आरजेडी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दौर में महिलाओं और युवाओं के लिए कोई ठोस काम नहीं हुआ. उन्होंने दावा किया कि एनडीए की सरकार में महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार को प्राथमिकता दी गई है. केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने भी अपने भाषण में पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर विश्वास जताया. “हमें भरोसा है कि आतंकवाद को करारा जवाब मिलेगा.”
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