पाकिस्तानी सेना को अब कौन बचाएगा? TTP को मिली अमेरिका की जेवलिन मिसाइल, फायर कर शेयर किया Video

    तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़ी एक नई वीडियो फुटेज सामने आई है, जिसमें आतंकवादी उन्नत अमेरिकी एंटी-टैंक मिसाइल FGM-148 जेवलिन का उपयोग करते दिख रहे हैं.

    Who will save the Pakistani army now TTP got Americas Javelin missile fired it and shared the video
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    इस्लामाबाद: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़ी एक नई वीडियो फुटेज सामने आई है, जिसमें आतंकवादी उन्नत अमेरिकी एंटी-टैंक मिसाइल FGM-148 जेवलिन का उपयोग करते दिख रहे हैं. यह वीडियो पाकिस्तान में सुरक्षा चिंताओं को और गहरा कर सकता है, क्योंकि इस आधुनिक हथियार की क्षमता टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को निशाना बनाने में बेहद प्रभावी मानी जाती है.

    जेवलिन मिसाइल: खतरनाक हथियार

    FGM-148 जेवलिन, जिसे अमेरिकी सेना ने विकसित किया है, उच्च तकनीक वाली एक एंटी-टैंक मिसाइल प्रणाली है. इसकी अनुमानित कीमत लगभग दो लाख अमेरिकी डॉलर प्रति यूनिट है. इस हथियार की सबसे खास बात इसकी "फायर एंड फॉरगेट" तकनीक है, जिससे लॉन्च करने के बाद ऑपरेटर को तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाने का मौका मिल जाता है.

    ऑटोमेटिक लक्ष्य साधने की क्षमता

    जेवलिन मिसाइल अपने एडवांस इन्फ्रारेड गाइडेंस सिस्टम की मदद से लक्ष्य का स्वतः पता लगाकर उसे लॉक कर सकती है. यह प्रणाली दिन और रात दोनों समय समान प्रभावी रहती है और युद्ध के माहौल में निर्णायक साबित हो सकती है.

    पाकिस्तानी सेना के लिए नई चुनौती

    विशेषज्ञों का मानना है कि टीटीपी जैसे समूहों के हाथों में ऐसे उच्च तकनीकी हथियारों की मौजूदगी सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती पेश करती है. पहले भी अफगानिस्तान से पाकिस्तान में हथियारों की तस्करी देखी गई है, लेकिन अब इस तरह के उन्नत हथियारों का मिलना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है.

    पाकिस्तान का तालिबान पर आरोप

    पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद कई आधुनिक हथियार आतंकवादी समूहों के हाथ लग चुके हैं. पाकिस्तान का दावा है कि अफगान अंतरिम सरकार न केवल टीटीपी को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें हथियारों की आपूर्ति और अन्य समर्थन भी दे रही है.

    इस घटनाक्रम को देखते हुए, क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नए कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है.

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