Plane Crash in Ahmedabad: गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद में एक भयंकर विमान हादसे ने सबको स्तब्ध कर दिया है. एयर इंडिया का एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान, जो अहमदाबाद से लंदन की उड़ान भरने वाला था, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर मेघानी नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे से पहले पायलट द्वारा एक ‘मेडे’ कॉल भेजी गई, जो आपातकालीन स्थिति की चेतावनी थी, लेकिन इसके कुछ क्षण बाद ही विमान जमीन पर गिर पड़ा और तेज आग लग गई. विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें पायलट, केबिन क्रू और यात्री शामिल थे.
हादसे से पहले की हड़बड़ी: मेडे कॉल का संकेत
मौके से मिली जानकारी के अनुसार, विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे 23 से लगभग डेढ़ बजे उड़ान भरी. कुछ ही देर बाद पायलट ने एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को मेडे कॉल भेजी, जो विमान में गम्भीर संकट की पहली चेतावनी थी. मेडे कॉल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाई और समुद्री आपातकालीन स्थिति के लिए उपयोग किया जाता है और इसका मतलब होता है “मदद करो”. इसका तीन बार दोहराया जाना एक स्थापित संकेत है कि विमान या जहाज को तुरंत सहायता की जरूरत है.
लेकिन दुर्भाग्य से, इसके बाद एटीसी द्वारा विमान को संपर्क करने की कोशिशों का कोई जवाब नहीं मिला. सीधे शब्दों में कहें तो, पायलट ने अपने रेडियो पर वापसी नहीं की, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है.
अनुभवी पायलट के साथ विमान चला
विमान का संचालन कैप्टन सुमित सभरवाल कर रहे थे, जिनके पास 8200 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था. उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास 1100 घंटे का अनुभव था. यह दोनों ही अनुभवी पायलट थे और उनका विमान संचालन में व्यापक ज्ञान था. हालांकि, तकनीकी खराबी या किसी अप्रत्याशित कारण से विमान नियंत्रण खो बैठा और तेजी से जमीन की ओर गिरा.
हादसे का कहर: आग और धुएं का गुबार
विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मेघानी नगर के आसपास भारी आग और धुएं का गुबार फैल गया. कई इलाके में रहने वाले लोगों ने बताया कि धुआं इतना घना था कि आसपास की हवा जहरीली हो गई. स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर चुके हैं.
केबिन क्रू मेंबर दीपक पाठक थे सवार
विमान में सवार केबिन क्रू के 12 सदस्यों में बदलापुर, महाराष्ट्र के दीपक पाठक भी शामिल थे. दीपक पिछले 11 वर्षों से एयर इंडिया में कार्यरत थे और लंदन की उड़ान से पहले उन्होंने अपने परिवार से अंतिम बातचीत की थी. उनके परिवार और पड़ोस में हादसे की खबर से गहरा सदमा है. उनकी बहनों ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि के बिना उन्हें इस हानि को स्वीकारना बेहद मुश्किल है.
मेडे कॉल: संकट की आवाज़
‘मेडे’ शब्द फ्रांसीसी भाषा के “m'aider” से आया है, जिसका अर्थ होता है ‘मेरी मदद करो’. यह कॉल विमान या जहाज में गंभीर तकनीकी खराबी, आग लगने, नियंत्रण खोने या किसी अन्य जीवन-धमकी वाली स्थिति में भेजी जाती है. यह अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त आपातकालीन संकेत है, जिसे पायलट या कप्तान द्वारा रेडियो पर तीन बार दोहराया जाता है ताकि किसी भी संभावित खतरनाक स्थिति की तुरंत सूचना मिल सके.
ये भी पढ़ें: कीमत 2.18 हजार करोड़, 1.26 लाख लीटर फ्यूल.. जानें अहमदाबाद में क्रैश हुए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की पूरी स्टोरी