नई दिल्ली: मंगलवार को संसद के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद और भारत की जवाबी कार्रवाई को लेकर कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया. ऑपरेशन सिंदूर के जिक्र के दौरान पीएम मोदी ने बताया कि भारत अब न तो धमकियों से डरता है और न ही आतंकियों की साजिशों से घबराता है. उन्होंने दावा किया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब भारतीय सेना ने सिर्फ 22 मिनट में दे दिया, वो भी दुश्मन की सीमा में घुसकर.
लेकिन उनके भाषण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू वह हिस्सा था जिसमें उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी थी, सिवाय तीन देशों के- तुर्किए, अजरबैजान और चीन.
193 देशों में से सिर्फ 3 पाकिस्तान के साथ: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत को जबरदस्त समर्थन मिला. "193 देशों में से केवल तीन ही ऐसे थे जो खुले तौर पर पाकिस्तान के साथ खड़े हुए," पीएम मोदी ने कहा. उनके अनुसार यह वैश्विक स्तर पर भारत की साख और आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति की स्वीकार्यता को दर्शाता है.
उन्होंने आगे बताया कि QUAD और BRICS जैसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत को समर्थन मिला, जो यह दिखाता है कि दुनिया अब आतंकवाद पर भारत की स्थिति को गंभीरता से ले रही है.
कौन हैं वे तीन देश जिन्होंने पाकिस्तान का साथ दिया?
1. तुर्किए
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि तुर्किए ने इस बार भी पाकिस्तान का साथ दिया. पाकिस्तान ने जिस ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल भारत पर हमला करने के लिए किया था, वह तुर्किए से ही मिली थी. यही नहीं, कश्मीर के मुद्दे पर भी तुर्किए का रुख लगातार पाकिस्तान के पक्ष में रहा है. भारत में इसके विरोध में लोगों ने तुर्की उत्पादों के बहिष्कार की अपील तक की.
2. अजरबैजान
पीएम मोदी ने बताया कि अजरबैजान ने भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का समर्थन किया. भारत की सीमा पार कार्रवाई के बाद अजरबैजान ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए भारत की निंदा की. यह वही अजरबैजान है जो भले ही भारत से हजारों किलोमीटर दूर हो, लेकिन हालिया वर्षों में पाकिस्तान का रणनीतिक सहयोगी बन चुका है.
3. चीन
चीन के रवैये पर पीएम मोदी ने सबसे गंभीर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि चीन ने सिर्फ राजनीतिक तौर पर नहीं, बल्कि तकनीकी और सामरिक स्तर पर भी पाकिस्तान की मदद की. उन्होंने आरोप लगाया कि चीन ने पाकिस्तान को लाइव इंटेलिजेंस डेटा, हथियार और जरूरी सहायता उपलब्ध कराई, जिससे स्पष्ट होता है कि भारत की लड़ाई एक नहीं, बल्कि तीन मोर्चों पर थी.
भारत का जवाब और दुनिया की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा कि भारत अब केवल सहता नहीं, बल्कि समय रहते सटीक और निर्णायक जवाब देता है. 22 मिनट में कार्रवाई कर हमलावरों को खत्म करना इस नीति का प्रमाण है.
उन्होंने बताया कि वैश्विक मंचों पर भारत की कूटनीति को समर्थन मिला. किसी भी देश ने भारत को जवाबी कार्रवाई के लिए रोका नहीं. इससे यह संदेश गया कि अब भारत आतंक के खिलाफ अकेला नहीं है.
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