'जो आप चाहते हो, वो होकर रहेगा', राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई का दिया संकेत

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को पहलगाम हमले को लेकर सख्त चेतावनी दी. स्कृति जागरण महोत्सव में उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि एक रक्षा मंत्री के रूप में मेरा दायित्व है कि मैं अपने सैनिको के साथ मिलकर देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करूं.

    Whatever you want will happen Rajnath Singh hinted at a big action against Pakistan
    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह/Photo- ANI

    नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को पहलगाम हमले को लेकर सख्त चेतावनी दी. स्कृति जागरण महोत्सव में उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि एक रक्षा मंत्री के रूप में मेरा दायित्व है कि मैं अपने सैनिको के साथ मिलकर देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करूं.

    'आंख उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा'

    उन्होंने अपने भाषण में कहा कि हमारे सैनिक रणभूमि पर लड़ते हैं, और हमारे संत जीवनभूमि पर." पहलगाम हमले पर कड़ा संदेश देते हुए कहा कि, "जो भारत की ओर आंख उठाएगा, वो बख्शा नहीं जाएगा. रक्षा मंत्री ने दो टूक कहा कि मेरी ज़िम्मेदारी है कि मैं अपने सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की सीमाओं की रक्षा करूं. जो भारत पर बुरी नजर डालेंगे, उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली, उनका निर्णय और नेतृत्व हर देशवासी के लिए प्रेरणा है. उन्होंने जोर देते हुए यह भी कहा कि भारत की सुरक्षा और गरिमा किसी भी कीमत पर समझौते की मोहताज नहीं है.

    राजनाथ सिंह ने 'राजनीति' पर दिया जोर

    राजनाथ सिंह ने ‘राजनीति’ शब्द की गिरती गरिमा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीति शब्द ‘राज’ और ‘नीति’ से मिलकर बना है, लेकिन दुर्भाग्य है कि इस शब्द ने अपना मूल अर्थ खो दिया है. उन्होंने संत समाज से आशीर्वाद मांगते हुए कहा कि उन्हें भारत की राजनीति में नीति और मूल्य आधारित दृष्टिकोण को फिर से जीवित करना है.

    दुश्मन को उसी भाषा में जवाब देंगे

    रक्षा मंत्री ने कहा कि देश के लोग जो चाहते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुश्मन को उसी भाषा में जवाब देंगे. पीएम मोदी के नेतृत्व में जैसा आप चाहते हैं, वैसा होकर रहेगा. उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई ताकत भारत को मिटा नहीं सकती है, भारत अमर रहेगा. 

    राजनाथ सिंह ने कहा. "मेरा यह दायित्व है कि मैं अपनी सेना के साथ मिलकर देश पर आंख उठाने वालों को मुंहतोड़ जवाब दूं. भारत की शक्ति केवल उसकी सैन्य ताकत में नहीं, बल्कि उसकी संस्कृति और अध्यात्म में भी है. इतिहास साक्षी है कि भारत के संतों ने केवल आध्यात्मिक उपदेश ही नहीं दिए, बल्कि समाज सुधार, शिक्षा और राष्ट्रीय एकता के लिए भी अग्रणी भूमिका निभाई है."

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