नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जीएसटी दरों में हुई ऐतिहासिक कटौती को लेकर पहली बार सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे "आम आदमी के जीवन को आसान और सस्ता बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम" करार दिया. प्रधानमंत्री ने इस सुधार को देश की आत्मनिर्भरता यात्रा से जोड़ा और कहा कि ये सिर्फ आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आमजन के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास है.
जीएसटी काउंसिल द्वारा लिए गए इस फैसले से देशभर में कई आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं अब पहले से सस्ती होंगी. वहीं कुछ हानिकारक या लग्जरी उत्पादों पर टैक्स दरें बढ़ाकर राजस्व और जनस्वास्थ्य के संतुलन को साधने की कोशिश की गई है.
जो वादा किया था, उसे निभाया- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों को संबोधित करते हुए इस मुद्दे पर कहा, "15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश को वादा किया था कि इस दिवाली और छठ पूजा से पहले देशवासियों के लिए खुशियों की डबल बौछार होगी. आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमने उस वादे की तरफ पहला बड़ा कदम बढ़ा दिया है."
उन्होंने इसे "नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म" की शुरुआत बताया और कहा कि यह भारत को वैश्विक स्तर पर उसकी वास्तविक ताकत और प्रतिष्ठा दिलाने में मदद करेगा.
"अब GST और भी सरल हो गया है"- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि अब जीएसटी की संरचना को और सरल कर दिया गया है. उन्होंने कहा, "अब केवल दो प्रमुख टैक्स स्लैब रह गए हैं- 5% और 18%. इससे व्यापारियों, उपभोक्ताओं और कर अधिकारियों सभी को लाभ होगा. प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और टैक्स प्रशासन आसान होगा."
उन्होंने कहा कि यह नया टैक्स ढांचा 22 सितंबर से, नवरात्रि के पहले दिन से पूरे देश में लागू हो जाएगा.
हमारा मकसद है ज्यादा से ज्यादा बचत- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार का मूल लक्ष्य है कि लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचे. उन्होंने कहा, "हमारी नीति का मूल आधार है- बचत, सहूलियत और सम्मान. हम नहीं चाहते कि एक सामान्य नागरिक को अपनी मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा टैक्स में देना पड़े. इसलिए लगातार टैक्स रेट्स को सरल और सस्ता किया जा रहा है."
पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "2014 से पहले कांग्रेस की सरकारें गरीबों की बुनियादी ज़रूरतों पर भी बेहिसाब टैक्स वसूलती थीं. बच्चों की टॉफी पर 21%, साइकिल पर 17%, सिलाई मशीन पर 16%, और साबुन-टूथपेस्ट पर 27% टैक्स लिया जाता था."
Interacting with the National Awardee Teachers. Their work goes far beyond classrooms. They shape character and kindle curiosity in the Yuva Shakti. https://t.co/GgoTPhtmvd
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2025
उन्होंने कहा कि यह सरकार इन अनावश्यक टैक्सों की परंपरा को खत्म करके, जनता को राहत देने की दिशा में लगातार काम कर रही है. पीएम ने कहा, "अगर कांग्रेस की नीति रहती, तो 100 रुपए की चीज पर 25 रुपए टैक्स देना पड़ता"
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि अगर वही पुरानी व्यवस्था आज भी होती तो हर सामान्य वस्तु कम से कम 20-25% महंगी होती. उन्होंने कहा, "हमारे प्रयासों से आज ये टैक्स दरें बहुत कम हो चुकी हैं. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जरूरी वस्तुओं और सेवाओं पर न्यूनतम टैक्स लगे, ताकि आम आदमी की बचत बढ़े और वह अपने जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सके."
आत्मनिर्भर भारत का आर्थिक रोडमैप
पीएम मोदी ने अपने भाषण में जीएसटी सुधार को आत्मनिर्भर भारत के मिशन से जोड़ा. पीएम मोदी ने कहा, "आत्मनिर्भर भारत कोई चुनावी नारा नहीं है. ये एक विजन है- हर भारतीय को, हर राज्य को, हर सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाना. और इसके लिए जरूरी है कि हम आर्थिक सुधारों को समय पर लागू करें. जीएसटी दरों में कटौती इसी विजन का हिस्सा है."
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सुधार की श्रृंखला का अंत नहीं, बल्कि एक नया अध्याय है. उन्होंने कहा, "रिफॉर्म्स का सिलसिला अब रुकने वाला नहीं है."
क्या हुआ सस्ता? क्या हुआ महंगा?
जहां रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे दूध, पनीर, दवाइयां, होटल सेवाएं, जिम, योग सेंटर, और बीमा सेवाएं अब सस्ती होंगी, वहीं
कोल्ड ड्रिंक, तंबाकू, गुटखा, लग्जरी गाड़ियां और IPL जैसे महंगे इवेंट्स पर अब 40% तक जीएसटी देना होगा.
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