Bigg Boss फेम जैस्मीन जाफर ने मंदिर में ऐसा क्या किया, जिससे मचा बवाल? शुद्धिकरण की शुरू हुई तैयारी

    Jasmine Jaffar Controversy: भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में जहां हर तीर्थस्थल न केवल आस्था, बल्कि परंपरा और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक होता है, वहां किसी धार्मिक स्थल पर की गई छोटी-सी चूक भी बड़े विवाद का कारण बन सकती है.

    What did Bigg Boss fame Jasmine Jaffer do in the temple which created a ruckus
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    Jasmine Jaffar Controversy: भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में जहां हर तीर्थस्थल न केवल आस्था, बल्कि परंपरा और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक होता है, वहां किसी धार्मिक स्थल पर की गई छोटी-सी चूक भी बड़े विवाद का कारण बन सकती है. ऐसा ही कुछ हुआ है केरल के गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में, जहां 'बिग बॉस फेम' जैस्मीन जाफर द्वारा इंस्टाग्राम रील शूट करने को लेकर धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं.

    इस विवाद ने न सिर्फ श्रद्धालुओं की संवेदनाओं को झकझोरा है, बल्कि धार्मिक स्थलों पर सोशल मीडिया की भूमिका पर भी एक बार फिर बहस छेड़ दी है. मंदिर के तालाब में फिल्माई गई इस क्लिप के वायरल होते ही गुरुवायुर देवस्वम बोर्ड ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और पवित्रता की पुनःस्थापना हेतु छह दिवसीय शुद्धिकरण अनुष्ठान की घोषणा की है.

    पवित्रता पर सवाल, परंपरा के खिलाफ आचरण

    वीडियो में जैस्मीन जाफर और एक गैर-हिंदू प्रतिभागी को मंदिर के पवित्र तालाब में प्रवेश करते हुए देखा गया, वह स्थान जिसे पारंपरिक रूप से भगवान श्रीकृष्ण के स्नान के लिए उपयोग में लाया जाता है. यही वजह है कि यहां गैर-हिंदुओं का प्रवेश, फोटोग्राफी और फिल्मांकन सख्त रूप से वर्जित है.

    देवस्वम बोर्ड ने इसे मंदिर के नियमों और भावनाओं का उल्लंघन मानते हुए शिकायत दर्ज कराई और स्पष्ट किया कि यह आचरण आस्था को ठेस पहुंचाने वाला है. मंगलवार से आरंभ होने वाला शुद्धिकरण अनुष्ठान मंदिर की धार्मिक मर्यादा की रक्षा के लिए उठाया गया आधिकारिक कदम है.

    माफ़ी मांगी, लेकिन बहस जारी

    विवाद गहराने पर जैस्मीन जाफर ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें मंदिर के नियमों की जानकारी नहीं थी. उन्होंने अपने बयान में कहा, “मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था”. हालांकि, इस माफ़ी के बावजूद मंदिर प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि पवित्रता के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

    परंपरा, भक्ति और गरिमा का प्रतीक

    केरल स्थित गुरुवायुर श्रीकृष्ण मंदिर को अक्सर "दक्षिण का द्वारका" कहा जाता है. यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को समर्पित है और इसकी कठोर पूजा-पद्धतियां, सांस्कृतिक रीतियां, तथा विशिष्ट धार्मिक अनुष्ठान इसे भारत के सबसे पूजनीय स्थलों में शामिल करते हैं.

    यहां की अन्नप्राशन और तुलाभरम जैसी रस्में, दैनिक शीवेली जुलूस और पवित्र तालाब भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक अनुभव लेकर आते हैं. कई अनुष्ठानों के लिए वर्षों तक प्रतीक्षा करना इस मंदिर की प्रतिष्ठा और आस्था का प्रमाण है.

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