आखिर व्हेल की उल्टी क्यों बिकती है सोने से भी महंगी? जानिए क्यों होती है ये इतनी कीमती

    Whale Vomit: समुद्र की गहराइयों में रहने वाली व्हेल मछली की उल्टी के बारे में सुनकर शायद आप चौंक जाएं. लेकिन सच यही है कि इस उल्टी का मूल्य सोने से भी कहीं अधिक है और यह किसी के जीवन को एक पल में बदल सकती है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Whale Vomit: समुद्र की गहराइयों में रहने वाली व्हेल मछली की उल्टी के बारे में सुनकर शायद आप चौंक जाएं. लेकिन सच यही है कि इस उल्टी का मूल्य सोने से भी कहीं अधिक है और यह किसी के जीवन को एक पल में बदल सकती है. भारत समेत दुनियाभर में व्हेल की इस अनोखी उल्टी की भारी तस्करी होती है, क्योंकि इसे परफ्यूम उद्योग में अमूल्य माना जाता है. आइए जानते हैं कि आखिर व्हेल की उल्टी इतनी खास और कीमती क्यों होती है.

    वैज्ञानिकों की भाषा में व्हेल की इस उल्टी को “एम्बरग्रीस” कहा जाता है. यह एक ज्वलनशील, मोम जैसा ठोस पदार्थ होता है जो व्हेल की आंतों से निकलता है. कभी-कभी यह मल की तरह निकलता है, लेकिन जब इसकी मात्रा बहुत अधिक हो जाती है, तो व्हेल इसे मुंह से बाहर उगल देती है. एम्बरग्रीस काले या स्लेटी रंग का होता है और व्हेल के शरीर में उसकी सुरक्षा के लिए मौजूद होता है.

    व्हेल समुद्र के किनारे से दूर गहराई में रहती है, इसलिए जब यह पदार्थ समुद्र के किनारे आता है, तो उसे सालों लग जाते हैं. समुद्र के नमकीन पानी और धूप के संपर्क में आने के कारण यह पदार्थ कठोर, चिकनी और भूरी गांठ में बदल जाता है, जो देखने में मोम जैसा लगता है. यही एम्बरग्रीस परफ्यूम उद्योग का अनमोल रत्न बनता है.

    एम्बरग्रीस की खुशबू बहुत ही मनमोहक होती है और यह लंबे समय तक टिकती है, इसलिए इसे महंगे परफ्यूम बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसे ‘तैरता हुआ सोना’ भी कहा जाता है क्योंकि इसकी कीमत बहुत अधिक होती है और इसका वजन 15 ग्राम से लेकर 50 किलो तक हो सकता है.

    इतिहास में भी एम्बरग्रीस की अहमियत कम नहीं रही. प्राचीन मिस्र में इसका उपयोग अगरबत्ती और धूप बनाने के लिए किया जाता था. यूरोप में ब्लैक डेथ यानी प्लेग के दौरान लोग इसे अपनी सुरक्षा के लिए रखते थे क्योंकि यह गंध हवा में फैलने वाले रोगाणुओं को छिपाने में मदद करता था.

    व्हेल की उल्टी यानी एम्बरग्रीस न केवल एक प्राकृतिक चमत्कार है, बल्कि इसके पीछे समुद्र की गहराईयों में छिपा एक अद्भुत रहस्य भी है, जो आज भी वैज्ञानिकों और व्यापारियों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस अनोखे पदार्थ ने समुद्र से लेकर इत्र की दुकानों तक का एक खास सफर तय किया है, जिससे यह साबित होता है कि प्रकृति के हर हिस्से में कहीं न कहीं छुपा है अनमोल खजाना.

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