वजीरिस्तान बना पाकिस्तानी सेना का कब्रिस्तान, एक और घातक हमला; कई जवान ढेर

    स्थानीय मीडिया रिपोर्टों और सेना के बयान के अनुसार, आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

    Waziristan graveyard of Pakistani army many soldiers killed
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा के उत्तर वजीरिस्तान जिले में एक बार फिर आतंक का साया गहराया है. गुरुवार को हुए भीषण आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इस हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उत्तर वजीरिस्तान अब सेना के लिए युद्ध क्षेत्र से कम नहीं रहा.

    TTP का बड़ा हमला, सेना को भारी नुकसान

    स्थानीय मीडिया रिपोर्टों और सेना के बयान के अनुसार, आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. TTP के मुताबिक, उसने दक्षिणी वजीरिस्तान के अंगूर अड्डा स्थित दारी निश्तार चेकपोस्ट को निशाना बनाया, जिसमें दर्जनों पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. हालांकि, आईएसपीआर (Inter Services Public Relations) ने सिर्फ चार सैनिकों की मौत की पुष्टि की है, जिनमें एक लेफ्टिनेंट भी शामिल है.

    लेफ्टिनेंट की बेरहमी से हत्या, कई घायल

    रिपोर्टों के अनुसार, लेफ्टिनेंट दानियाल की गला रेतकर हत्या की गई, जो इस हमले की वीभत्सता को दर्शाता है. अन्य मृतकों में इश्फाक बट, अब्दुल मन्नान, नायब सूबेदार काशिफ और सिपाही हमीदुल्लाह शामिल हैं. ये सभी सैनिक दारी निश्तार चेकपोस्ट पर सुरक्षा में तैनात थे. हमले में घायल सात अन्य सैनिकों को एयरलिफ्ट कर पेशावर के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

    सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई जारी, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं

    हमले के बाद क्षेत्र में बड़ी संख्या में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी गई है और आतंकियों की खोजबीन जारी है. लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और खराब मौसम की वजह से सैन्य अभियान को अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है. फिर भी सेना पूरे इलाके की घेराबंदी कर आतंकवादियों की धरपकड़ में जुटी है.

    आतंकवादियों का मजबूत गढ़

    उत्तर वजीरिस्तान को लंबे समय से आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है. यह इलाका अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और यहां पाकिस्तान विरोधी आतंकी संगठनों की मजबूत पकड़ है. यहां पाकिस्तानी सेना पर लगातार हमले होते रहे हैं, जिससे साफ है कि इस क्षेत्र में सरकार की पकड़ बेहद कमजोर है.

    इस जिले का मुख्यालय मिरानशाह है और यह क्षेत्र लगभग 4,707 वर्ग किलोमीटर में फैला है. सामरिक दृष्टि से यह इलाका बेहद संवेदनशील है और पाकिस्तानी सेना की लगातार कोशिशों के बावजूद यहां स्थायित्व स्थापित नहीं हो सका है.

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