वजीरिस्तान हमले में भारत पर आरोप लगा रहा था पाकिस्तान, विदेश मंत्रालय ने लगाई फटकार

    पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले ने न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा को झकझोर दिया, बल्कि इसके बाद भारत पर लगाए गए आरोपों ने कूटनीतिक विवाद को भी हवा दे दी. इस भीषण हमले में पाकिस्तान के 13 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई.

    Waziristan Attack Pakistan blames india react
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    पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले ने न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा को झकझोर दिया, बल्कि इसके बाद भारत पर लगाए गए आरोपों ने कूटनीतिक विवाद को भी हवा दे दी. इस भीषण हमले में पाकिस्तान के 13 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. हालांकि, पाकिस्तान ने इस हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की, जिसे भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से सिरे से खारिज कर दिया है.

    भारत ने खारिज किए पाकिस्तानी आरोप

    भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार देर रात एक बयान जारी कर कहा, "हमने वजीरिस्तान में 28 जून को हुए हमले को लेकर पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों को देखा है. हम इन्हें पूरी तरह से निराधार और झूठा बताते हैं." भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह अपनी आंतरिक अस्थिरता का दोष दूसरों पर मढ़ने के बजाय, आतंकवाद की समस्या से खुद निपटे.

    कैसे हुआ हमला?

    पाकिस्तान की सेना की मीडिया शाखा आईएसपीआर (Inter-Services Public Relations) के मुताबिक, यह हमला शनिवार सुबह मीर अली क्षेत्र के खड्डी गांव में हुआ. आतंकियों ने बम से लदे वाहन को पाकिस्तान सेना के माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड (MRAP) वाहन से टकरा दिया. इस आत्मघाती विस्फोट में 13 सुरक्षाकर्मी मौके पर मारे गए जबकि 14 नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.

    हमले की जिम्मेदारी 'उसुद अल-हरब' ने ली

    स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस हमले की जिम्मेदारी एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन 'उसुद अल-हरब' ने ली है. यह गुट कुख्यात आतंकवादी हाफिज गुल बहादुर समूह से जुड़ा हुआ है. हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में राहत और तलाशी अभियान शुरू कर दिया और पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया.

    प्रतिक्रिया और राजनीतिक प्रतिक्रिया

    खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने इस आत्मघाती हमले की तीव्र निंदा की और शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा, "यह कायराना हमला हमारे सुरक्षाबलों के हौसले को नहीं तोड़ सकता. हम इन शहीदों और उनके परिवारों के बलिदान को हमेशा याद रखेंगे."

    बढ़ती हिंसा और टूटता संघर्ष विराम

    यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब पाकिस्तान पहले से ही आंतरिक उथल-पुथल और बढ़ती आतंकी गतिविधियों से जूझ रहा है. नवंबर 2022 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और सरकार के बीच संघर्ष विराम टूटने के बाद से देश के विशेषकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान क्षेत्रों में आतंकी हमलों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है.

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