क्या व्हाइट हाउस से हुई बराक ओबामा की गिरफ्तारी? ट्रंप ने खुद किया वीडियो पोस्ट, जानें क्या है सच्चाई

    अमेरिका की राजनीति एक बार फिर तीखी बयानबाज़ी और विवादों के घेरे में आ गई है. इस बार चर्चा में हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक ऐसा वीडियो साझा किया है, जिसमें दिखाया गया है कि एफबीआई एजेंट पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को गिरफ्तार कर रहे हैं.

    Was Barack Obama arrested from the White House Trump
    Image Source: Social Media

    Barack Obama Arrested: अमेरिका की राजनीति एक बार फिर तीखी बयानबाज़ी और विवादों के घेरे में आ गई है. इस बार चर्चा में हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक ऐसा वीडियो साझा किया है, जिसमें दिखाया गया है कि एफबीआई एजेंट पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को गिरफ्तार कर रहे हैं. लेकिन यह वीडियो असली नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की सहायता से बनाया गया है.

     

    क्या है वीडियो का सच?

    वीडियो की शुरुआत में ओबामा को यह कहते हुए दिखाया गया है कि "राष्ट्रपति कानून से ऊपर नहीं है." इसके बाद कई अन्य नेताओं के पुराने बयानों को जोड़कर यह संदेश दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. अंत में वीडियो में ओबामा को कैदी की वर्दी में दिखाया गया है, जबकि ट्रंप पास बैठे मुस्कुरा रहे हैं.

    ट्रंप ने इस वीडियो के साथ यह स्पष्ट नहीं किया कि यह AI-जेनरेटेड है, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. विशेषज्ञों और आलोचकों का मानना है कि ऐसे वीडियो का बिना स्पष्टीकरण के प्रसार गंभीर रूप से गैर-जिम्मेदाराना क़दम है और इससे आम जनता गुमराह हो सकती है, खासतौर पर तब, जब वीडियो में दिखाई गई बातें पूरी तरह काल्पनिक और तकनीक से निर्मित हों.

    चुनावी आरोपों और पुराने घावों को फिर कुरेदा जा रहा है

    यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब ट्रंप लगातार ओबामा प्रशासन पर 2016 के चुनाव में झूठी रूस-ट्रंप साजिश गढ़ने का आरोप लगा रहे हैं. हाल ही में अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भी एक चौंकाने वाला दावा किया कि उनके पास ऐसे सबूत हैं जो दिखाते हैं कि ओबामा प्रशासन ने जानबूझकर ट्रंप को रोकने की योजना बनाई थी.

    गबार्ड का कहना है कि यह "साजिश" अमेरिकी लोकतंत्र के खिलाफ थी और इसमें खुफिया एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है कि अमेरिकी जनता को पूरी सच्चाई पता चले.

    खुफिया रिपोर्ट में रूस को लेकर क्या है सच्चाई?

    हालांकि गबार्ड के बयानों के उलट, DNI द्वारा जारी 114 पन्नों की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि नवंबर 2016 के चुनावों से पहले, खुफिया एजेंसियों को ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला था कि रूस ने अमेरिकी चुनाव परिणामों को बदलने के लिए कोई साइबर हमला किया हो. रिपोर्ट में बताया गया कि 8 दिसंबर 2016 को मिली जानकारी के अनुसार रूस ने चुनाव प्रभावित करने के लिए कोई प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं किया.

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