कौन थे विनय नरवाल? पहलगाम हमले से 6 दिन पहले हुई थी शादी; जानिये उनके बारे में सब कुछ

    देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अंतिम यात्रा करनाल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ संपन्न हुई. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों के हमले में शहीद हुए विनय, न केवल एक समर्पित सैनिक थे, बल्कि एक प्रेरणा भी हैं उन तमाम युवाओं के लिए जो देशसेवा का सपना देखते हैं.

    Vinay Narwal lost 50 kg weight to join the army terrorists shot him 6 days after his marriage
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    करनाल (हरियाणा): देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अंतिम यात्रा करनाल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ संपन्न हुई. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों के हमले में शहीद हुए विनय, न केवल एक समर्पित सैनिक थे, बल्कि एक प्रेरणा भी हैं उन तमाम युवाओं के लिए जो देशसेवा का सपना देखते हैं.

    कर्तव्य के लिए 50 किलो वजन कम किया

    विनय नरवाल का सपना था भारतीय सेना का हिस्सा बनने का. इस सपने को सच करने के लिए उन्होंने असंभव को संभव किया और 50 किलो वजन घटाकर अपने शरीर को एक योद्धा की तरह गढ़ा. उनकी यह जिद, यह जुनून, उनके लक्ष्य के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है.

    नई शुरुआत, अधूरा सपना

    विनय की शादी हाल ही में 16 अप्रैल को उत्तराखंड की वादियों में, एक खूबसूरत डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में हुई थी. उनकी पत्नी हिमांशी गुरुग्राम की रहने वाली हैं. दोनों शादी के कुछ दिन बाद हनीमून के लिए पहलगाम गए थे. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. शादी के महज छह दिन बाद, 22 अप्रैल को विनय आतंकी हमले में शहीद हो गए. उनका 1 मई को जन्मदिन था, और परिवार इस दिन को बड़े जश्न के साथ मनाने की तैयारी कर रहा था.

    अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

    जब विनय का पार्थिव शरीर करनाल पहुंचा, तो हजारों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे. मॉडल टाउन स्थित श्मशान घाट पर हुए अंतिम संस्कार के दौरान उनकी बहन ने उन्हें मुखाग्नि दी. मां और बहन ने उन्हें कंधा देकर यह साबित कर दिया कि वीरों के परिवार भी उतने ही मजबूत होते हैं जितने वो खुद. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी विनय को श्रद्धांजलि दी और परिवार को ढांढस बंधाया.

    शहीदों की चुप्पी सबसे बुलंद होती है

    विनय की कहानी सिर्फ एक वीर जवान की नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त की है जिसने अपने सपनों को देश के नाम कर दिया. उनकी शहादत हमें यह याद दिलाती है कि आज जो हम खुलकर सांस ले रहे हैं, वह इन्हीं वीरों की बदौलत है.

    'विनय नरवाल अमर रहें' के नारे लगे

    पूरा इलाका 'विनय नरवाल अमर रहें' और 'भारत माता की जय' के नारों से गूंज उठा. विनय भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी बहादुरी और जज़्बा हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा.

    ये भी पढ़ें- पाकिस्तानियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम, अगर इतने समय में भारत नहीं छोड़ा तो क्या होगा? जान लीजिए