जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने एक और सख्त कदम उठाते हुए देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है. इस निर्णय के बाद देशभर की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
सरकार ने इमिग्रेशन विभाग और विदेशी पंजीकरण कार्यालयों (FRO) से भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों का विस्तृत डेटा तत्काल प्रभाव से उपलब्ध कराने को कहा है. इसके आधार पर अगले दो दिनों में पूरी स्थिति पर नजर रखी जाएगी. अगर तय समयसीमा के भीतर कोई पाकिस्तानी नागरिक भारत नहीं छोड़ता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
48 घंटे बाद शुरू होगी वापस भेजने की प्रक्रिया
गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत, जिन पाकिस्तानी नागरिकों ने वैध दस्तावेजों के आधार पर भारत में प्रवेश किया है, उन्हें वाघा-अटारी बॉर्डर, रेलवे स्टेशनों या एयरपोर्ट्स पर इमिग्रेशन रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होता है. अधिकारियों के मुताबिक, आज शाम तक सभी संबंधित एजेंसियां यह रिपोर्ट सौंपेंगी कि वर्तमान में कितने पाकिस्तानी नागरिक भारत में मौजूद हैं और कितने पहले ही लौट चुके हैं.
सूत्रों की मानें तो समयसीमा पूरी होने के बाद स्थानीय पुलिस को निर्देशित किया जाएगा कि वे पाकिस्तानी नागरिकों की लोकेशन के आधार पर उन्हें हिरासत में लें और बसों के जरिए सीमा तक पहुंचाएं. हालांकि, अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया अधिकतर मामलों में शांतिपूर्ण होगी और विशेष परिस्थितियों में ही गिरफ्तारी की जाएगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि
भारत सरकार के इस निर्णय के पीछे हाल ही में हुई आतंकी घटनाएं और सीमा पार से बढ़ते उकसावे को अहम कारण माना जा रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में रहने वाले वैध पाकिस्तानी नागरिकों के सभी विवरण पहले से ही केंद्र सरकार के पास दर्ज हैं.
गृह मंत्रालय की अगुवाई में इस पूरे मामले पर एक उच्चस्तरीय बैठक भी हो रही है, जिसमें नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया को सुचारु रूप से अंजाम देने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश तय किए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः 'बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिला देंगे', पीएम मोदी की चेतावनी सुनकर आतंकियों के आका भी थर्रा उठेंगे