पाकिस्तान का जन्म लेते ही झूठ शुरू हो गया था... राफेल गिराने के दावे पर विक्रम मिसरी ने जमकर लताड़ा

    भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के परिप्रेक्ष्य में गुरुवार शाम विदेश मंत्रालय द्वारा बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम खुलासे किए गए. यह लगातार दूसरा दिन था जब विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी, और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मीडिया से मुखातिब हुए.

    Vikram Misri lashed out at the Pakistan claim of shooting down Rafale
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के परिप्रेक्ष्य में गुरुवार शाम विदेश मंत्रालय द्वारा बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम खुलासे किए गए. यह लगातार दूसरा दिन था जब विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी, और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मीडिया से मुखातिब हुए. प्रेस वार्ता का स्वरूप भले ही शांत और संयमित रहा हो, लेकिन इसके शब्दों में स्पष्ट था—भारत अब न तो झूठ को बर्दाश्त करेगा, न आतंक को नजरअंदाज.

    आतंकवाद पर भारत का स्पष्ट रुख: जवाब ज़रूरी था

    प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने 7 मई की रात को पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत के खिलाफ अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज जैसे महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी.

    उन्होंने कहा, "हमारा एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह सतर्क था और इन सभी हमलों को विफल किया गया." 

    इसके तुरंत बाद, भारतीय सशस्त्र बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के अंदर कई एयर डिफेंस सिस्टम्स और रडार इंस्टॉलेशनों को निष्क्रिय कर दिया. विशेष रूप से लाहौर में एक एयर डिफेंस यूनिट को पूरी तरह बेअसर किया गया.

    पाकिस्तान की गोलाबारी में निर्दोष नागरिकों की मौत

    विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा अकारण और भारी गोलीबारी की जानकारी दी. "कुपवाड़ा, बारामुला, मेंढर और पुंछ जैसे इलाकों में की गई इस गोलीबारी में 16 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं," उन्होंने बताया. भारत ने इस पर संयमित लेकिन प्रभावी जवाब दिया, यह स्पष्ट करते हुए कि हमारा मकसद केवल रक्षा है, आक्रमण नहीं.

    पाकिस्तान आतंक का वैश्विक केंद्र- विक्रम मिसरी

    विदेश सचिव विक्रम मिसरी का वक्तव्य कहीं अधिक रणनीतिक और वैश्विक संदेश देने वाला था. उन्होंने साफ कहा: "भारत किसी भी तनाव को नहीं बढ़ाना चाहता. लेकिन 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद चुप रहना कोई विकल्प नहीं था."

    उन्होंने बताया कि उस आतंकी हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जो कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक आतंकी समूह है. TRF की संलिप्तता पर पहले ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र को सूचित किया था.

    दिलचस्प यह रहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में इस मामले पर चर्चा हुई, तो पाकिस्तान ने TRF का नाम लेने का विरोध किया. मिसरी ने कहा, "जैसे ही TRF को एहसास हुआ कि मामला गंभीर है, उन्होंने चुपचाप अपनी जिम्मेदारी वापस ले ली. यह एक सोची-समझी रणनीति थी."

    झूठ को उजागर करता एक अंतिम संस्कार

    विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा की जा रही 'सिविलियन हताहतों' की बात को सिरे से खारिज करते हुए कुछ तस्वीरें और तथ्य सामने रखे. कर्नल कुरैशी ने सवाल उठाया, "अगर भारत के ऑपरेशन में केवल निर्दोष नागरिक मारे गए, तो उनके जनाजों में पाकिस्तानी सेना के अफसर क्या कर रहे थे?"

    उन्होंने बताया कि मारे गए व्यक्तियों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटकर राजकीय सम्मान के साथ दफनाया गया. उन्होंने जोर देकर कहा, "ये लोग कौन थे? धार्मिक स्कूलों के नाम पर चल रहे कट्टरता के ट्रेनिंग सेंटर से जुड़े आतंकी, जिनकी पहचान भारत के खुफिया नेटवर्क ने पहले ही कर ली थी."

    राफेल लड़ाकू विमान गिराने के दावे का जवाब

    जब पत्रकारों ने सवाल किया कि पाकिस्तान दावा कर रहा है कि उसने एक भारतीय राफेल लड़ाकू विमान को गिराया है, तो विदेश सचिव मिसरी ने मुस्कराते हुए जवाब दिया: "समय आने पर आपको हर तथ्य की जानकारी दी जाएगी. भारत न तो प्रचार युद्ध में यकीन रखता है, न झूठी वाहवाही में. पाकिस्तान का जन्म लेते ही झूठ शुरू हो गया था. 1947 में संयुक्त राष्ट्र से कहा था कि कश्मीर पर हमला करने वाले कबायली हैं. हमारी फौजों ने देखा था तब कि वहां पर पाकिस्तान की फौज थी. झूठ की यात्रा 75 साल पहले शुरू हो चुकी है."

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