कौन है विजय हिंदुस्तानी? जिसने असीम मुनीर का सिर लाने पर 10 करोड़ देने का किया ऐलान

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले के बाद देश के कई हिस्सों में गुस्से की लहर है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक युवक विजय हिंदुस्तानी ने बुधवार को प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया.

    Vijay Hindustani announcement on asim munir says cut off his face will give 10 crore rupees
    File Image Source: Social Media

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले के बाद देश के कई हिस्सों में गुस्से की लहर है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक युवक विजय हिंदुस्तानी ने बुधवार को प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया.

    विजय हिंदुस्तानी, जो शामली जिले के वारसी गांव के निवासी हैं, ने पाकिस्तान के प्रमुख नेताओं और सैन्य अधिकारियों के पुतलों के साथ एक प्रतीकात्मक ‘शव यात्रा’ निकाली. इसमें उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर, बिलावल भुट्टो, हनिफ अब्बासी और ख्वाजा आसिफ की तस्वीरें प्रदर्शित कीं. इस मार्च का समापन मुजफ्फरनगर के जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर हुआ, जहां विजय ने मीडिया से बात करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया.

    विजय हिंदुस्तानी का भावनात्मक बयान

    मीडिया से बातचीत के दौरान विजय ने तीखे शब्दों में पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि अब समय आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ा जवाब दिया जाए. विजय ने दावा किया कि उसके पास लगभग 12 करोड़ रुपये की संपत्ति है और वह देश की रक्षा में योगदान देने के लिए इसे त्यागने को तैयार है. उनका कहना था कि “पहलगाम में अब सिर्फ जवान नहीं, बल्कि आम नागरिक भी निशाना बन रहे हैं. पाकिस्तान के नेता लगातार परमाणु हमले की धमकियां देकर तनाव को और बढ़ा रहे हैं. हम कब तक सहते रहेंगे? अब कड़ा जवाब देना जरूरी है.”

    देशभक्ति की मिसाल देने का दावा

    विजय हिंदुस्तानी खुद को एक राष्ट्रभक्त बताते हैं और उनके मुताबिक उन्होंने अपने शरीर पर 267 शहीदों के नाम टैटू के रूप में खुदवाए हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन उनके देशभक्ति की भावना का एक तरीका है जिससे वह सरकार और आम जनता का ध्यान इस मुद्दे की ओर खींचना चाहते हैं.

    प्रशासन ने लिया संज्ञान

    हालांकि यह प्रदर्शन काफी प्रतीकात्मक था, लेकिन बयानबाज़ी में आई कुछ अतिरंजित बातें कानून व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द पर असर डाल सकती हैं. ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बढ़ा दी गई है.

    सामाजिक ज़िम्मेदारी का समय

    देश जब आतंकवाद जैसे संकट से जूझ रहा हो, तब ज़रूरत है संयम, जागरूकता और एकजुटता की. विरोध और आक्रोश स्वाभाविक है, लेकिन उसे ऐसा रूप न दिया जाए जो सामाजिक तनाव या वैमनस्यता को बढ़ावा दे.