Varanasi News: वाराणसी, एक ऐसा शहर जहां श्रद्धा और अध्यात्म हर कोने में सांस लेते हैं. लेकिन अफसोस कि इस पवित्र नगरी में कुछ लोग श्रद्धालुओं की आस्था का गलत फायदा उठाकर ठगी को अंजाम दे रहे थे. ऐसे ही एक मामले में वाराणसी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के आसपास से कुल 21 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो दर्शन कराने के नाम पर श्रद्धालुओं से पैसे वसूलते थे और दुर्व्यवहार भी करते थे.
कैसे सामने आया मामला?
दशास्वमेध और चौक थाना क्षेत्र के अंतर्गत सक्रिय इन फर्जी एजेंटों पर पुलिस की नजर पहले से थी. एसीपी डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने कुछ दिनों की निगरानी और रणनीतिक कार्रवाई के बाद इन सभी आरोपियों को धर-दबोचा. पकड़े गए लोगों में अधिकांश वाराणसी जनपद के ही निवासी हैं, जबकि दो आरोपी चंदौली और मिर्जापुर जिले के बताए जा रहे हैं.
श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार और ठगी का खेल
पुलिस के मुताबिक ये लोग खुद को मंदिर प्रशासन से जुड़ा व्यक्ति या गाइड बताकर बाहर से आए श्रद्धालुओं से संपर्क करते थे. फिर उन्हें 'तेजी से दर्शन' कराने के नाम पर मोटी रकम वसूलते थे. यदि श्रद्धालु विरोध करते, तो उनसे अभद्रता और दुर्व्यवहार भी किया जाता था.
प्रशासन का सख्त संदेश
एसीपी त्रिपाठी ने स्पष्ट किया है कि वाराणसी की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा बनाए रखना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि, “देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां आस्था और विश्वास के साथ आते हैं. ऐसे में यह हमारा कर्तव्य है कि उनकी यात्रा सुरक्षित, सहज और सम्मानजनक हो. किसी भी तरह की ठगी या बदसलूकी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
आगे भी चलेगी कार्रवाई
पुलिस प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि भविष्य में भी ऐसे फर्जी एजेंटों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति से पैसे का लेन-देन न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें.
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