MP: अप्लाई किया तो बुरे फंसोगे! सरकारी नौकरी के लिए 2972 पदों पर वैकेंसी, सच्चाई जानकर उड़े होश

    MP News: सरकारी नौकरी का सपना आज भी लाखों युवाओं के मन में पलता है. इसी सपने का फायदा उठाकर कुछ ठगों ने मध्यप्रदेश में एक बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    भोपालः सरकारी नौकरी का सपना आज भी लाखों युवाओं के मन में पलता है. इसी सपने का फायदा उठाकर कुछ ठगों ने मध्यप्रदेश में एक बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया है. भोपाल से सामने आए इस मामले में ठगों ने एक नकली भर्ती विज्ञापन जारी कर करीब 2972 पदों पर नौकरी का झांसा दिया, और हजारों युवाओं से न केवल आवेदन भरवाए, बल्कि प्रत्येक से 500 रुपये फीस भी वसूली.

    फेसबुक से फैलाया फर्जीवाड़ा

    भोपाल पुलिस के अनुसार, करीब एक महीने पहले ‘ई औषधि मप्र’ नाम के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाली गई थी. इस पोस्ट में आयुष विभाग के नाम पर 2972 पदों की भर्ती का विज्ञापन दिया गया. साथ ही एक वेबसाइट का लिंक भी साझा किया गया जहां युवा आवेदन कर सकते थे. विज्ञापन की तारीख 7 मार्च से 6 अप्रैल 2025 तक की रखी गई थी.

    हजारों युवाओं ने बिना किसी जांच-पड़ताल के इस विज्ञापन पर भरोसा कर आवेदन कर दिया, लेकिन जैसे ही 6 अप्रैल को आवेदन की आखिरी तारीख आई, सोशल मीडिया पर यह फर्जीवाड़ा उजागर हो गया.

    स्वास्थ्य विभाग ने दी सफाई

    जब मामला बढ़ा, तब मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से एक बयान जारी किया गया. इसमें साफ कहा गया कि यह विज्ञापन पूरी तरह फर्जी और भ्रामक है. विभाग ने यह भी बताया कि जिस वेबसाइट पर आवेदन मंगवाए गए, वह उनकी आधिकारिक वेबसाइट नहीं है और उनके द्वारा कोई वैकेंसी जारी नहीं की गई है.

    ठगों की प्लानिंग थी बेहद शातिर

    फर्जी वेबसाइट और फॉर्म इस तरह से तैयार किए गए थे कि कोई भी इसे असली समझने की गलती कर सकता था. वेबसाइट पर सरकारी भर्तियों की तरह ही प्रोफेशनल फॉर्मेट इस्तेमाल किया गया था.

    घोषित पदों की संख्या भी काफी बड़ी थी:

    • स्टोर मैनेजर – 528 पद
    • सहायक स्टोर मैनेजर – 988 पद
    • डेटा एंट्री ऑपरेटर – 1456 पद

    इन सभी पदों के लिए 500 रुपए आवेदन शुल्क रखा गया था, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठगों ने लाखों रुपये की ठगी की है.

    जांच में जुटी पुलिस

    अब इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. यह पता लगाया जा रहा है कि फर्जी वेबसाइट किसने बनाई, फेसबुक पेज कौन चला रहा था, और ठगी से इकट्ठा की गई रकम किस खाते में ट्रांसफर हुई.

    सावधान रहें, सतर्क रहें

    इस घटना से एक बार फिर यही संदेश मिलता है कि सरकारी नौकरी के नाम पर किसी भी अनजान वेबसाइट या सोशल मीडिया पेज पर भरोसा करने से पहले अच्छी तरह जांच-पड़ताल ज़रूरी है.

    • किसी भी सरकारी वैकेंसी की पुष्टि के लिए संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट जरूर चेक करें.
    • किसी भी भर्ती के लिए फेसबुक पेज या व्हाट्सएप लिंक पर भरोसा न करें.
    • आवेदन से पहले गूगल पर उस वेबसाइट का नाम सर्च करें – अगर वह फर्जी है तो इसकी जानकारी मिल सकती है.

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