कांवड़ यात्रा के लिए धामी सरकार ने कसी कमर, तैयार किया सख्त एक्शन प्लान, इन मुद्दों पर रहेगा खास फोकस

    Kanwar Yatra 2025: श्रद्धालुओं की आस्था और उनकी सेहत दोनों की रक्षा के लिए उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर कमर कस ली है. इस बार की यात्रा न सिर्फ धार्मिक महत्व की होगी, बल्कि स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिहाज से भी एक मिसाल बनने जा रही है.

    Uttarakhand govt made a strict action plan for Kanwar Yatra 2025 CM Dhami
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    Kanwar Yatra 2025: श्रद्धालुओं की आस्था और उनकी सेहत दोनों की रक्षा के लिए उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर कमर कस ली है. इस बार की यात्रा न सिर्फ धार्मिक महत्व की होगी, बल्कि स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिहाज से भी एक मिसाल बनने जा रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में एक व्यापक और सख्त कार्ययोजना तैयार की गई है.

    हर होटल-ढाबा पर अब होगी पैनी नजर

    यात्रा मार्गों पर लगने वाले होटल, ढाबा, ठेली और फड़ जैसे हर खाद्य प्रतिष्ठान को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं. अब हर फूड विक्रेता को लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रमुख स्थान पर चिपकाना होगा. ठेले और फड़ वाले भी बिना आईडी और प्रमाणपत्र के व्यापार नहीं कर सकेंगे. स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने साफ किया कि जो भी इन नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत ₹2 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

    यात्रियों की थाली में नहीं होगी कोई लापरवाही

    सरकार ने साफ कर दिया है कि पंडालों, भंडारों और अन्य भोजनालयों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा. मिलावट या मानक उल्लंघन की स्थिति में तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. श्रद्धालुओं की सेहत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है.

    खाद्य पदार्थों की जांच के लिए तैनात होंगी स्पेशल टीमें

    हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी जैसे ज़िलों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीमें नियुक्त कर दी गई हैं. ये टीमें दूध, मिठाई, तेल, मसाले और पेय पदार्थों के नियमित सैंपल लेंगी. किसी भी नमूने में गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित दुकान या पंडाल को तत्काल बंद कर दिया जाएगा. अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि बिना वैध लाइसेंस के खाद्य व्यवसाय अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दोषी पाए जाने वालों पर सिर्फ आर्थिक जुर्माना नहीं, बल्कि आपराधिक मुकदमा भी चलाया जाएगा.

    जागरूकता से मिलेगा सहयोग

    सरकार सिर्फ सख्ती नहीं, जागरूकता भी फैला रही है. पोस्टर, पर्चे और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापारियों और आम लोगों को बताया जाएगा कि कैसे शुद्ध भोजन की पहचान करें, क्या उनके अधिकार हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आपको यदि कहीं भोजन की गुणवत्ता पर शक हो, तो टोल फ्री नंबर – 18001804246 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं. अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगे.

    हर दिन की जाएगी निगरानी

    हर जिले के अधिकारी को निर्देश है कि हर दिन की गई जांच और कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भेजी जाए. अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

    श्रद्धा के साथ स्वास्थ्य का भी पर्व बने कांवड़ यात्रा

    उत्तराखंड सरकार ने भंडारा संचालकों, धार्मिक संगठनों और फूड विक्रेताओं से अपील की है कि वे श्रद्धालुओं की सेवा में स्वच्छता और गुणवत्ता से कोई समझौता न करें. यह यात्रा न केवल भक्ति का प्रतीक हो, बल्कि स्वस्थ भारत की दिशा में भी एक मजबूत कदम बने.

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