अब उत्तराखंड में भी गुजरात-महाराष्ट्र की तर्ज पर बिना बजट बसेंगे नए शहर, धामी कैबिनेट ने दी मंजूरी

    उत्तराखंड में शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि के दबाव को देखते हुए राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट ने उत्तराखंड टाउन प्लानिंग स्कीम (टीपीएस) के क्रियान्वयन नियम 2025 को मंजूरी दे दी है.

    Uttarakhand approves town planning scheme for budget-friendly development of new cities and satellite towns
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    देहरादून: उत्तराखंड में शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि के दबाव को देखते हुए राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट ने उत्तराखंड टाउन प्लानिंग स्कीम (टीपीएस) के क्रियान्वयन नियम 2025 को मंजूरी दे दी है. इसके तहत राज्य में गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की तर्ज पर शून्य बजट में योजनाबद्ध तरीके से आधुनिक शहरों और सैटेलाइट टाउन का विकास किया जाएगा.

    अन्य राज्यों के सफल मॉडल से प्रेरणा

    गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों में टाउन प्लानिंग स्कीम (टीपीएस) ने शहरी विकास में काफी योगदान दिया है. अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरों के 90-95 प्रतिशत शहरी क्षेत्र इसी मॉडल के तहत विकसित हुए हैं. इसने रियल एस्टेट, निर्माण और विनिर्माण क्षेत्रों को न केवल मजबूती दी, बल्कि राज्य की जीएसडीपी में 35 प्रतिशत से ज्यादा योगदान भी किया. महाराष्ट्र में नैना और पुणे मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र भी इस मॉडल के तहत विकसित हुए, जिससे बड़े पैमाने पर औपचारिक रोजगार सृजन हुआ.

    उत्तराखंड में बुनियादी सुविधाओं का समग्र विकास

    उत्तराखंड में टाउन प्लानिंग स्कीम के तहत बुनियादी सुविधाओं का समग्र विकास किया जाएगा. सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज, पार्क और सामाजिक सुविधाएं एकीकृत तरीके से विकसित की जाएंगी, और यह सभी काम बिना जबरन भूमि अधिग्रहण के होंगे. पारंपरिक भूमि अधिग्रहण मॉडल के मुकाबले इस मॉडल में भूमि विवाद कम होंगे. इसके तहत भूमि मालिकों को उनके पुनर्गठित और विकसित प्लॉट वापस मिलेंगे, और राज्य सरकार पर कोई भारी वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा. इसके लिए लागत की वसूली बेटरमेंट चार्ज के माध्यम से की जाएगी. इस प्रक्रिया में हर हितधारी की राय को महत्व दिया जाएगा, और जनसुनवाई अनिवार्य होगी.

    तीन चरणों में होगा टाउनशिप विकास

    पहला चरण: इस चरण में विकास प्राधिकरण और भूमि मालिक मिलकर टीपीएस क्षेत्र की पहचान करेंगे. इसके बाद इरादा घोषणा, जनसुनवाई और ड्राफ्ट योजना तैयार की जाएगी.

    दूसरा चरण: ड्राफ्ट टीपीएस को प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें आपत्तियां और सुझाव लिए जाएंगे. इसके बाद टाउन प्लानिंग ऑफिसर योजना को तैयार करेगा. इस योजना को उच्च-स्तरीय समिति से मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी.

    अंतिम चरण: इस चरण में भूमि मालिकों को लेटर ऑफ अवार्ड, सर्टिफिकेट ऑफ ऑनरशिप और पुनर्गठित प्लॉट सौंपे जाएंगे. इसके बाद कन्वेयंस डीड जारी कर राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट किया जाएगा.

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