अब उत्तर प्रदेश के बांध बनेंगे टूरिज्म हब! योगी सरकार की नई पहल से ईको-पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की छवि अब सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों तक सीमित नहीं रहने वाली है. योगी आदित्यनाथ सरकार अब प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करते हुए ईको टूरिज्म को नई दिशा देने जा रही है.

    Uttar Pradesh CM Yogi Decision on water tourism to promote 7 dams will develop
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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की छवि अब सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों तक सीमित नहीं रहने वाली है. योगी आदित्यनाथ सरकार अब प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करते हुए ईको टूरिज्म को नई दिशा देने जा रही है. इस पहल के तहत राज्य के प्रमुख बांधों और जलाशयों को पर्यटन स्थलों में तब्दील किया जाएगा, जिससे ना केवल प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र समृद्ध होगा, बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे.

    7 जिलों के बांध और झीलें बनेंगी आकर्षण का केंद्र

    इस योजना के पहले चरण में चित्रकूट, महोबा, सोनभद्र, हमीरपुर, झांसी, सिद्धार्थनगर और बांदा जिलों को चुना गया है. इन जिलों में स्थित प्रमुख जलस्रोतों को पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा:

    • चित्रकूट – गुन्ता बांध
    • महोबा – अर्जुन डैम
    • सोनभद्र – धंधरौल डैम
    • हमीरपुर – मौदहा डैम
    • झांसी – गढ़मऊ झील
    • सिद्धार्थनगर – मझौली सागर
    • बांदा – नवाब टैंक

    बोटिंग से लेकर कैंपिंग तक, एडवेंचर का पूरा पैकेज

    इन स्थलों को नेचर लवर्स और एडवेंचर सीकर्स के लिए खासतौर पर तैयार किया जाएगा. इनमें कई सुविधाएं मिलेंगी जैसे बोटिंग और वॉटर स्पोर्ट्स, नेचर ट्रैकिंग और जंगल कैंपिंग, रिसॉर्ट्स और झील किनारे कैफे, पर्यावरण-अनुकूल टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर.  इसका मकसद है – घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना, और साथ ही क्षेत्रीय युवाओं को गाइड, होटेलियर, टैक्सी चालक, हस्तशिल्प कलाकार आदि के रूप में रोजगार देना.


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    सुरक्षा और पर्यावरण पर भी फोकस

    इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा की जाएगी ताकि बांधों की संरचना और सुरक्षा पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े. पर्यटन गतिविधियां पर्यावरण सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालित होंगी.

    गांवों को मिलेगा नया पहचान और आर्थिक मजबूती

    पर्यटन विभाग का मानना है कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा मिलेगा. लोग अब सिर्फ मंदिरों और ऐतिहासिक इमारतों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि गांवों की संस्कृति, कारीगरी और लोक कला को भी करीब से देख सकेंगे.

    • होटल, होमस्टे और रेस्टोरेंट्स
    • टैक्सी, लोकल गाइड्स और दुकानदार
    • हैंडीक्राफ्ट और लोक कलाकार
    • महिला स्वयं सहायता समूह

    ‘धार्मिक से प्राकृतिक’ की दिशा में बढ़ता यूपी

    काशी, अयोध्या और मथुरा जैसे तीर्थ स्थलों में पहले ही सरकार ने शानदार कार्य किया है. अब यह नई पहल दिखाती है कि सरकार का विजन ‘सिर्फ धर्म नहीं, प्रकृति भी’ है. यह उत्तर प्रदेश को इंडिया के नेक्स्ट ईको-टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है.