यह देश बना रहा 6th Gen का सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान, गुपचुप तरीके से हो रही टेस्टिंग

    F-47 Fighter Jet USA: अमेरिकी वायुसेना ने मार्च 2025 में बोइंग कंपनी के साथ एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अगली पीढ़ी का अत्याधुनिक लड़ाकू विमान F-47 विकसित किया जाएगा.

    USA Developing 6th generation F-47 Fighter Jet with boeing company
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    F-47 Fighter Jet USA: अमेरिकी वायुसेना ने मार्च 2025 में बोइंग कंपनी के साथ एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अगली पीढ़ी का अत्याधुनिक लड़ाकू विमान F-47 विकसित किया जाएगा. यह विमान अमेरिकी वायुसेना की छठी पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट होगा और F-22 जैसे पुराने लड़ाकू विमानों की जगह इसे तैनात किया जाएगा.

    यह डील बोइंग के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि पिछले दो दशकों से इस क्षेत्र में लॉकहीड मार्टिन का दबदबा रहा है, जिसने F-22 और F-35 जैसे अत्याधुनिक विमानों को विकसित किया. हालांकि, अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस डील की कुल लागत का खुलासा अभी तक नहीं किया है.

    F-47 की खासियत

    F-47 को पूरी तरह से नए डिजाइन के आधार पर तैयार किया जा रहा है, जिसे "क्लीन शीट डिजाइन" कहा जाता है. इसका मतलब है कि यह कोई अपग्रेडेड मॉडल नहीं होगा, बल्कि पूरी तरह से एक नया और आधुनिक विमान होगा. इस विमान में बोइंग की दो प्रमुख तकनीकों का समावेश किया जाएगा: MQ-28 Ghost Bat ड्रोन की तकनीक और B-21 Raider की स्टील्थ टेक्नोलॉजी. 

    इन दोनों तकनीकों के संयोजन से यह विमान दुश्मन के रडार से पूरी तरह से बचने में सक्षम होगा, जो इसे युद्ध के दौरान और भी घातक बना देगा. इसमें ऐसी तकनीकी विशेषताएँ होंगी, जो इसे न सिर्फ पहले से ज्यादा तेज और घातक बनाएंगी, बल्कि इसे स्मार्ट भी बनाएंगी. इसका डिजाइन, रफ्तार और सामरिक क्षमता इसे युद्ध में एक निर्णायक हथियार बना सकती है.

    डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा दावा

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने F-47 को लेकर एक बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि यह विमान पिछले पांच महीनों से गुप्त रूप से टेस्टिंग में है और 2030 तक इसे अमेरिकी वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा. उन्होंने इसे एक सुपर-कंप्यूटर जैसा लड़ाकू विमान बताया और कहा कि इसकी तकनीकी विशेषताएँ इसे दुनिया भर में एक मिसाल बना देंगी.

    F-47 की अनोखी ताकत

    F-47 की सबसे खास बात यह है कि इसे अकेले उड़ने की आवश्यकता नहीं होगी. इसका मतलब है कि यह अकेले ही एक पूरे स्क्वाड्रन की ताकत रखेगा. यह विमान कई टारगेट्स को एक साथ निशाना बना सकता है और एक ही मिशन में कई उद्देश्यों को पूरा कर सकता है. इसकी स्वचालित और नेटवर्किंग क्षमता इसे आधुनिक युद्ध के लिए बेहद प्रभावी बनाती है.

    कीमत और भविष्य में प्रभाव

    इस अत्याधुनिक लड़ाकू विमान की कीमत लगभग 20 मिलियन डॉलर (लगभग 167 करोड़ रुपये) होने का अनुमान है. सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि F-47 भविष्य में युद्ध रणनीतियों को पूरी तरह से बदल सकता है. इसकी तेज़ी, स्टील्थ क्षमता और नेटवर्किंग तकनीक इसे किसी भी आगामी युद्ध में निर्णायक बना सकती है. F-47 के आने से अमेरिका का वायुसेना बेड़ा और भी मजबूत होगा, और यह विमान पूरी दुनिया में अपनी क्षमता और तकनीकी विशेषताओं के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा.

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