अब सऊदी अरब पर होगा हमला? एक्टिव हुआ अमेरिकी डिफेंस सिस्टम THAAD, आखिर किस देश है खतरा?

    कतर में अमेरिकी एयरबेस पर ईरान की मिसाइल हमले के बाद अब सऊदी अरब ने भी खतरे की आशंका को गंभीरता से लेते हुए अमेरिका की हाई-टेक मिसाइल रक्षा प्रणाली THAAD को सक्रिय कर दिया है.

    US THAAD missile system activated in Saudi Arabia
    Image Source: Social Media

    मिडिल ईस्ट में तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा. ईरान और इजराइल के बीच हालिया 12 दिनों की जंग के बाद अब यह संकट खाड़ी देशों तक पहुंच गया है. कतर में अमेरिकी एयरबेस पर ईरान की मिसाइल हमले के बाद अब सऊदी अरब ने भी खतरे की आशंका को गंभीरता से लेते हुए अमेरिका की हाई-टेक मिसाइल रक्षा प्रणाली THAAD को सक्रिय कर दिया है.

    जंग की आंच खाड़ी देशों तक

    हालांकि ईरान–इजराइल संघर्ष पर अस्थायी सीजफायर लागू हो चुका है, लेकिन इस युद्ध के बाद के हालात ज्यादा खतरनाक नजर आ रहे हैं. मिडिल ईस्ट में मौजूद अन्य देशों—जैसे कतर, कुवैत, जॉर्डन, बहरीन और सऊदी अरब—की चिंता इस बात को लेकर है कि कहीं वे भी इस टकराव का अगला निशाना न बन जाएं.

    कतर में अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमले के बाद, सऊदी अरब को भी अपने ऊपर संभावित हमले की आशंका है, खासतौर पर इसलिए क्योंकि वहां भी अमेरिकी सैन्य अड्डे मौजूद हैं. साथ ही, ईरान और सऊदी अरब के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध हैं.

    THAAD सिस्टम: आधुनिक मिसाइल सुरक्षा कवच

    सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि अमेरिका द्वारा विकसित THAAD (Terminal High Altitude Area Defense) मिसाइल रक्षा प्रणाली को अब सक्रिय कर दिया गया है. इस प्रणाली को जेद्दा प्रांत के वायु रक्षा अनुसंधान केंद्र में समारोह के दौरान आधिकारिक रूप से तैनात किया गया. THAAD प्रणाली छोटी और मध्यम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइलों को हवा में ही मार गिराने की क्षमता रखती है. यह प्रणाली दुश्मन की मिसाइल को उसके अंतिम चरण में निशाना बनाती है, जिससे रिहायशी और रणनीतिक इलाकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

    वायु सुरक्षा को मजबूत करने की कवायद

    सऊदी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, THAAD की तैनाती का मकसद देश की वायु रक्षा क्षमता को मज़बूत करना और सामरिक क्षेत्रों की रक्षा करना है. यह कदम मौजूदा भूराजनीतिक स्थिति और ईरान से उत्पन्न खतरों को देखते हुए उठाया गया है.

    अमेरिका भी कर रहा बड़ा समर्थन

    अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने इजराइल को सपोर्ट करते हुए THAAD मिसाइलों का लगभग 20% स्टॉक पहले ही खर्च कर दिया है. यही सिस्टम अब सऊदी अरब समेत अन्य खाड़ी देशों में भी तैनात किया जा रहा है ताकि संभावित मिसाइल हमलों से बचाव किया जा सके.

    ये भी पढ़ें: इन दो नेताओं की जान का दुश्मन बना ईरान! मारकर ही लेगा दम; जानें किसने किया ये दावा?