UP News: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास अब केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति जागरूकता और संरक्षण का भी उदाहरण बनेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने “पीएम मित्र पार्क” के माध्यम से इस दिशा में एक नया अध्याय शुरू किया है. यह पार्क न केवल उद्योगों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि इसके डिजाइन में हरियाली और पारिस्थितिक संतुलन को सर्वोपरि रखा गया है.
पीएम मित्र पार्क: पर्यावरण और उद्योग का संगम
लखनऊ और हरदोई जिलों में स्थापित होने वाला यह पार्क औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के मानदंडों को भी पूरा करेगा. योगी सरकार ने साफ निर्देश दिया है कि हरियाली और पारिस्थितिक संतुलन की बलि किसी भी विकास कार्य में नहीं दी जाएगी. इसी प्रतिबद्धता के चलते पार्क का लेआउट पर्यावरणीय दृष्टि से संतुलित रखा गया है ताकि विकास और प्रकृति दोनों का संरक्षण हो सके.
ग्रीनरी पर खास जोर
ड्राफ्ट योजना के अनुसार, पार्क की लगभग 11 प्रतिशत भूमि ग्रीनरी और फल-फूल के वृक्षारोपण के लिए आरक्षित की गई है. इसमें ग्रीन बेल्ट, बफर जोन और हरा-भरा क्षेत्र शामिल है, जो प्रदूषण कम करने और जैव विविधता को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. साथ ही, पार्क में रहने वाले लोगों और कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्यप्रद और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा.
विकास की पूरी तस्वीर
पार्क में कुल क्षेत्र का 55% हिस्सा औद्योगिक इकाइयों के लिए होगा, जबकि आवासीय, संस्थागत, यातायात, उपयोगिता और मनोरंजन के लिए भी उपयुक्त हिस्से निर्धारित किए गए हैं. नयी सड़कें, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और अन्य आधारभूत सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है. यह समग्र योजना विकास और सुविधा दोनों को ध्यान में रखकर बनाई गई है.
1,680 करोड़ का निवेश और रोजगार के नए अवसर
इस परियोजना पर लगभग 1,680 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह पार्क 100 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा. अनुमान है कि इससे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा और 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है. साथ ही, पार्क में सौर ऊर्जा, ई-वेस्ट प्रबंधन और पर्यावरण-संवेदनशील तकनीकों को अपनाकर उत्तर प्रदेश को “ग्रीन स्टेट” के रूप में विकसित किया जाएगा.
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