यूपी के 5,118 स्कूलों को मिला बड़ा तोहफा, शुरू हुईं बाल वाटिकाएं, बच्चों को खेल-खेल में मिलेगा ज्ञान

    UP Bal Vatika: उत्तर प्रदेश में आज से एक नई और रोमांचक पहल शुरू हो रही है, जो नन्हे-मुन्नों की शिक्षा की पहली सीढ़ी को और भी मज़बूत बनाएगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP-2020) के तहत प्रदेश के 5,118 स्कूलों में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित बालवाटिकाओं का शुभारंभ हो गया है.

    UP govt to launch 5,118 Bal Vatikas in schools
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    UP Bal Vatika: उत्तर प्रदेश में आज से एक नई और रोमांचक पहल शुरू हो रही है, जो नन्हे-मुन्नों की शिक्षा की पहली सीढ़ी को और भी मज़बूत बनाएगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP-2020) के तहत प्रदेश के 5,118 स्कूलों में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित बालवाटिकाओं का शुभारंभ हो गया है. यह पहल सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के मानसिक, सामाजिक और रचनात्मक विकास पर भी फोकस करेगी.

    सीखने और खेलने की नई दुनिया

    3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को ‘स्कूल रेडिनेस’ के लिए तैयार करने के उद्देश्य से बेसिक शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है. कक्षा-1 में प्रवेश से पहले बच्चे का आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल विकसित हो, इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (ICDS) के सहयोग से नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्रों को इन विद्यालयों में स्थानांतरित किया गया है. यहां बच्चों के लिए ऐसा माहौल तैयार किया गया है जहां शिक्षा और खेल दोनों साथ-साथ चलें.

    मंत्री संदीप सिंह का विजन

    बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है, “बालवाटिकाओं के माध्यम से हम नन्हे-मुन्नों के भविष्य की मजबूत नींव रख रहे हैं. हमारी प्राथमिकता है कि हर बच्चा कक्षा-1 में जाने से पहले मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह तैयार हो.” इसके लिए सुरक्षित वातावरण, पोषण और आनंददायक अधिगम को केंद्र में रखा गया है.

    आधुनिक सुविधाएं और आकर्षक वातावरण

    इन बालवाटिकाओं में बच्चों के लिए बाल-मैत्रिक फर्नीचर, रंग-बिरंगी कक्षाएं, आउटडोर खेल सामग्री, लर्निंग कॉर्नर और बाला फीचर्स की व्यवस्था की गई है. साथ ही गतिविधि-आधारित शिक्षण के लिए वंडर बॉक्स, अभ्यास पुस्तिकाएं, शिक्षण-सामग्री (TLM) और स्टेशनरी भी उपलब्ध कराई गई है.

    भविष्य की तैयारी

    चरणबद्ध तरीके से ECCE एजुकेटर्स की तैनाती की जा रही है ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा का अनुभव मिल सके. इस पहल से न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई की नींव मज़बूत होगी, बल्कि उनका संपूर्ण व्यक्तित्व भी विकसित होगा.

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