UP Politics: भाजपा उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा को लेकर अभी से तैयारी में जुट गई है. बता दें कि यूपी के 1918 मंडलों में मंडल कार्य समितियों का गठन शुरू हो चुका है, जिसमें 61 सदस्यीय टीम बनाई जा रही है. हर वर्ग का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के साथ, संगठन को ज़मीनी स्तर तक मजबूत करने की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है.
कैसा होगा मंडल कार्य समिति का ढांचा?
हर मंडल में बनाई जा रही 61 सदस्यीय कार्य समिति में शामिल होंगे. 15 पदाधिकारी होंगे, जिनमें 6 उपाध्यक्ष, 2 महामंत्री, 6 मंत्री और 1 कोषाध्यक्ष होंगे. समिति में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाएं और अन्य समुदायों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने का स्पष्ट निर्देश है. मंडल अध्यक्षों का चुनाव पहले ही पूरा किया जा चुका है, अब इन अध्यक्षों के मार्गदर्शन में समितियों का गठन हो रहा है.
शक्ति केंद्रों के जरिए बूथ तक पकड़
भाजपा की रणनीति सिर्फ मंडल तक सीमित नहीं, बल्कि हर 5 से 7 बूथों पर बनाए गए "शक्ति केंद्रों" पर भी फोकस है. इन शक्ति केंद्रों के प्रभारी मंडल स्तर के पदाधिकारी होंगे. यह प्रणाली वार्ड, मंडल और नगर इकाइयों के बीच तालमेल बढ़ाने का काम करेगी.
बता दें कि प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह खुद फील्ड में उतरकर मंडल अध्यक्षों से संवाद कर रहे हैं. वे न सिर्फ पार्टी की रीति-नीति साझा कर रहे हैं, बल्कि कार्य समिति के गठन में तेजी लाने और संगठनात्मक प्रभाव को मजबूत करने के लिए प्रत्यक्ष मार्गदर्शन दे रहे हैं.
मिशन 2027 की दिशा में पहला ठोस कदम
BJP का यह पूरा अभियान 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. पार्टी मानती है कि मजबूत संगठन ही मजबूत जनसमर्थन की कुंजी है. मंडल कार्य समितियों और शक्ति केंद्रों के जरिए पार्टी हर बूथ तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है. इससे न सिर्फ कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा, बल्कि आम मतदाता से सीधा जुड़ाव भी संभव होगा.
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