Chandauli News: यूपी के चंदौली जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो किसी फिल्म की कहानी जैसा लगता है, लेकिन यह हकीकत है. यहां पुलिस के हत्थे चढ़ा एक शातिर चोर सिर्फ पैसे या गहनों के लिए चोरी नहीं करता था, बल्कि उसकी ये हरकत एक अजीब बीमारी का हिस्सा थी. पुलिस की मानें तो आरोपी अगर महीने में दो से तीन बार चोरी न करे, तो मानसिक रूप से बीमार पड़ जाता था.
पुलिस के जाल में फंसा गिरोह
मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने इस शातिर गिरोह को तब पकड़ा, जब उन्होंने 20 जून की रात मढ़िया गांव में एक बड़ी चोरी को अंजाम दिया. आरोपियों के पास से 10 लाख रुपये कीमत के सोने-चांदी के जेवर बरामद हुए. पुलिस की जांच में पता चला कि पकड़े गए आरोपियों में दो ने 40 से ज्यादा चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है. इनमें से सबसे ज्यादा हैरान करने वाला नाम था उमेश यादव, जिसकी ‘चोरी की बीमारी’ ने सबको चौंका दिया.
मानसिक बीमारी का चौंकाने वाला मामला
अपर पुलिस अधीक्षक के अनुसार उमेश यादव को चोरी करने की लत इस हद तक थी कि जब तक वह महीने में तीन-चार बार चोरी नहीं करता, तब तक बेचैनी और तनाव में रहने लगता था. यह तनाव उसकी मानसिक हालत को बिगाड़ देता था और फिर राहत पाने के लिए वह चोरी की वारदात कर डालता था. इसे एक तरह की मनोवैज्ञानिक बीमारी माना जा रहा है, जिसमें व्यक्ति को किसी खास हरकत की आदत पड़ जाती है.
गिरफ्तारी और बरामदगी
गैंग के सरगना उमेश यादव को वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार किया, जबकि उसके साथी धर्मेंद्र यादव और ओमप्रकाश सेठ को मुगलसराय पुलिस ने धर दबोचा. ये दोनों आरोपी रिंग रोड ब्रिज के नीचे चोरी के गहनों का बंटवारा कर रहे थे. इनके पास से 10 लाख रुपये कीमत के सोने-चांदी के जेवर बरामद हुए. पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि उमेश और धर्मेंद्र आपस में रिश्तेदार हैं और उन्होंने मिलकर अब तक 30 से ज्यादा चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है.
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