हीरे, माणिक और पन्ना से जड़े झूले पर विराजेंगे रामलला, कीमत जानकर रह जाएंगे दंग

    राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा बनवाए जा रहे ये झूले पूरी तरह सोने से बने हैं, जिनका वजन करीब 5-5 किलो है. इन पर हीरे, माणिक और पन्ना जड़े जा रहे हैं. ये दोनों झूले मुंबई के कुशल कारीगरों द्वारा बनाए जा रहे हैं.

    Two golden swings are being made for Ram Lalla in Ayodhya
    Image Source: Social Media

    Ayodhya News: सावन का पावन महीना आते ही अयोध्या नगरी एक बार फिर भक्तिभाव में रंगने को तैयार है. जहां एक ओर चारों तरफ हरियाली, वर्षा और भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई देगी, वहीं भगवान राम की नगरी में झूलनोत्सव की सदियों पुरानी परंपरा एक नए भव्य रूप में देखने को मिलेगी.

    29 जुलाई से शुरू होगा झूलनोत्सव

    इस बार का झूलनोत्सव बेहद खास होने जा रहा है. 29 जुलाई से सावन पूर्णिमा यानी 9 अगस्त तक रामनगरी अयोध्या के हजारों मंदिरों में झूलनोत्सव की धूम मचेगी. लेकिन इस बार श्रद्धालु एक ऐसी दुर्लभ झलक के साक्षी बनेंगे जो इतिहास में पहली बार देखने को मिलेगी. रामलला और सीताराम सोने के झूले पर विराजमान होंगे.

    10 करोड़ रुपये के दो स्वर्ण झूले

    राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा बनवाए जा रहे ये झूले पूरी तरह सोने से बने हैं, जिनका वजन करीब 5-5 किलो है. इन पर हीरे, माणिक और पन्ना जड़े जा रहे हैं. ये दोनों झूले मुंबई के कुशल कारीगरों द्वारा बनाए जा रहे हैं. इन झूलों की अनुमानित कुल कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है.

    26 जुलाई को अयोध्या पहुंचेगा झूला

    रामलला का झूला 26 जुलाई तक अयोध्या पहुंच जाएगा, जिसके बाद झूलनोत्सव की शुरुआत होगी. 29 जुलाई को रामलला और सीताराम की उत्सव प्रतिमाएं इन स्वर्ण झूलों पर विराजमान की जाएंगी. यह दिन श्रद्धालुओं के लिए भक्ति और भावनाओं से भरा होगा.

    लाखों भक्त बनेंगे साक्षी

    इस बार झूलनोत्सव सिर्फ अयोध्या तक सीमित नहीं रहेगा. दूरदर्शन पर इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा, ताकि देश-दुनिया के कोने-कोने में बैठे रामभक्त इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बन सकें. हर शाम मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन की गूंज होगी और भक्त स्वर्ण झूले में झूलते रामलला व सीताराम के दर्शन कर सकेंगे.

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