Turkey Kurdish Issue: चार दशक से खून और बारूद की गंध में लिपटा तुर्की अब एक नई सुबह देख रहा है. कुर्दिश संगठन PKK (कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी) ने रविवार को ऐलान किया कि वह तुर्की से अपनी पूरी ताकत, हथियार और लड़ाके हटा रहा है. यह महज़ पीछे हटना नहीं, बल्कि निरस्त्रीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.
उत्तरी इराक के कंदील पर्वतों से जारी बयान में PKK ने कहा, “हम तुर्की से अपनी सभी फोर्सेस को वापस बुला रहे हैं, ताकि आज़ादी, लोकतंत्र और भाईचारे की नई नींव रखी जा सके.” यह घोषणा तुर्की के लिए किसी जश्न से कम नहीं, क्योंकि इससे एक ऐसी जंग का पटाक्षेप हुआ है, जिसने देश को 40 साल तक जकड़ कर रखा था.
एक आंदोलन जो जंग में बदल गया
PKK की शुरुआत 1978 में अब्दुल्ला ओकलान ने की थी. उनका मकसद था तुर्की के दक्षिण-पूर्व में एक अलग कुर्दिश राज्य बनाना. लेकिन वक्त के साथ ये आंदोलन अलगाववाद से हटकर कुर्द समुदाय के अधिकार और स्वायत्तता की मांग में तब्दील हो गया.
1984 से शुरू हुआ गुरिल्ला संघर्ष तुर्की के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं रहा. अब तक 40,000 से ज्यादा जानें गईं, कई गांव उजड़ गए और तुर्की की अर्थव्यवस्था पर अरबों डॉलर का बोझ पड़ा. PKK को तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा था.
जेल से आया ‘शांति का संदेश’
2025 की मई में, तुर्की की इमराली जेल में बंद PKK प्रमुख अब्दुल्ला ओकलान ने एक ऐतिहासिक अपील की, “अब हथियार डालो, संघर्ष खत्म करो.” ओकलान की इस अपील ने संगठन की दिशा ही बदल दी. जुलाई में कई लड़ाकों ने प्रतीकात्मक रूप से हथियार जला दिए, और अब अक्टूबर में संगठन ने पूरी तरह तुर्की से हटने की घोषणा कर दी है.
PKK ने साफ किया कि वह अब उत्तरी इराक के मेड्या डिफेंस एरिया में शिफ्ट होगा, लेकिन इसके साथ उन्होंने दो बड़ी मांगें भी रखीं:
इंटीग्रेशन लॉ- ताकि उनके सदस्य लोकतांत्रिक राजनीति में शामिल हो सकें.
स्पेशल एमनेस्टी लॉ- जिससे पुरानी लड़ाई के मामलों में न्याय हो सके.
‘पॉजिटिव फ्रेमवर्क’ की बात
तुर्की सरकार ने इस कदम को “पॉजिटिव फ्रेमवर्क” बताया है. संसद में पहले ही 51 सदस्यों की एक स्पेशल कमीशन बनाई जा चुकी है, जो कानूनी ढांचा तैयार करेगी. सरकार का रुख साफ है, “कुर्दों को हक मिलेंगे, लेकिन अलगाववाद नहीं.”
हालांकि, असली चुनौती अब भी बनी हुई है. सीरिया में PKK से जुड़े गुट जैसे YPG, अमेरिका के सहयोगी हैं. तुर्की इन्हें PKK का ही विस्तार मानता है. अगर यह शांति प्रक्रिया आगे बढ़ती है, तो इससे न केवल तुर्की की आंतरिक स्थिरता लौटेगी, बल्कि अमेरिका से रिश्ते भी सुधर सकते हैं.
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