इजरायल-ईरान युद्ध से क्यों बेचैन हैं तुर्की के खलीफा? एर्दोआन को सता रहा ये 3 डर, परमाणु मामले पर लगा रहे गुहार

    तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने इसे "सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा" बताया है.

    Turkey Khalifa worried about Israel-Iran war Erdogan nuclear
    एर्दोगन | Photo: ANI

    मिडिल ईस्ट की उठती ज्वाला अब सीमाओं को लांघने लगी है. ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग ने ना सिर्फ इलाके में तनाव की नई लकीर खींच दी है, बल्कि पास-पड़ोस के देशों को भी हाई अलर्ट पर ला दिया है. सबसे मुखर प्रतिक्रिया आई है तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन की ओर से, जिन्होंने इसे "सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा" बताया है.

    एर्दोआन-मर्ज कॉल: तीन बड़े खतरों की गूंज

    राष्ट्रपति एर्दोआन ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से फोन पर चर्चा करते हुए तीन अहम खतरों की चेतावनी दी:

    सीमा पर सीधा खतरा

    इजरायली मिसाइल हमले अगर ईरान में गहराते हैं, तो तुर्किए भी चपेट में आ सकता है. भूगोल की वजह से तुर्किए इस युद्ध की अगली कतार में खड़ा हो सकता है.

    पलायन से मानवीय संकट

    युद्ध के कारण ईरानी नागरिकों का पलायन तुर्की की ओर हो सकता है. देश पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहा है — ऐसे में शरणार्थियों की नई लहर हालात को और नाजुक बना सकती है.

    परमाणु हथियारों का डर

    एर्दोआन ने सबसे बड़ी चिंता परमाणु हथियारों की संभावना को लेकर जताई. उनका कहना है, “अगर जंग में न्यूक्लियर का इस्तेमाल हुआ, तो उसका असर सिर्फ मिडिल ईस्ट नहीं, यूरोप तक महसूस किया जाएगा.”

    "सीजफायर अभी, वरना बहुत देर हो जाएगी"

    राष्ट्रपति एर्दोआन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि ईरान के परमाणु विवाद का समाधान सैन्य कार्रवाई नहीं, डिप्लोमेसी और बातचीत से होना चाहिए. “तुर्किए क्षेत्रीय शांति के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. हमें युद्ध नहीं, संवाद चाहिए.”

    तुर्किए की भौगोलिक चुनौती

    ईरान से सटा हुआ तुर्किए अब इस युद्ध की ‘सीमा रेखा’ बनता जा रहा है. वहां की सरकार और जनता दोनों को चिंता है कि यह लड़ाई सीधे उनके दरवाजे तक आ सकती है.

    तेल, ट्रेड और तबाही की कड़ी

    विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये संघर्ष और तेज हुआ, तो यह वैश्विक व्यापार, खासकर तेल की सप्लाई और व्यापारिक रूट्स को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा. मध्य एशिया की अस्थिरता का मतलब सिर्फ बम और मिसाइल नहीं है — इसका सीधा असर आपकी जेब पर भी पड़ सकता है.

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