वॉशिंगटन: अमेरिका ने बाल्टिक राष्ट्र एस्टोनिया को सैन्य सहायता के रूप में अत्याधुनिक Javelin मिसाइल सिस्टम देने की औपचारिक मंजूरी दे दी है. इस फैसले को रूस के प्रभाव क्षेत्र में संतुलन स्थापित करने और NATO की पूर्वी सीमाओं पर रक्षा को मजबूत करने की रणनीतिक योजना के रूप में देखा जा रहा है.
डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) की आधिकारिक सूचना के अनुसार, इस प्रस्तावित सौदे के तहत एस्टोनिया को करीब 296 मिलियन डॉलर मूल्य की सैन्य सहायता दी जाएगी, जिसमें 800 FGM-148F Javelin मिसाइलें और 84 कमांड लॉन्च यूनिट्स (LwCLUs) शामिल हैं.
इस डील में मिसाइलों के साथ-साथ प्रशिक्षण पैकेज, तकनीकी सहायता, स्पेयर पार्ट्स, सिम्युलेटर राउंड्स और लॉजिस्टिक सहयोग भी शामिल है. प्रस्ताव को अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी मिलनी बाकी है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इसे आसानी से हरी झंडी मिल जाएगी.
एस्टोनिया: छोटा देश, बड़ी अहमियत
एस्टोनिया, जो कभी सोवियत संघ का हिस्सा था, अब NATO का सक्रिय सदस्य है और रूस की सीमा से सटा हुआ एक संवेदनशील बिंदु भी. पिछले कुछ वर्षों में यह देश रूसी साइबर हमलों, हवाई घुसपैठ और सैन्य अभ्यासों का लगातार निशाना बना है.
एस्टोनियाई सरकार लंबे समय से अपनी रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण पर काम कर रही है और यह अमेरिकी सौदा उसकी सुरक्षा प्राथमिकताओं के साथ पूरी तरह मेल खाता है. टालिन की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “यह सहयोग केवल सैन्य सहयोग नहीं, बल्कि रणनीतिक एकजुटता का भी संकेत है.”
Javelin मिसाइल सिस्टम:
FGM-148F Javelin एक अत्याधुनिक ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ एंटी-टैंक मिसाइल प्रणाली है, जो तेजी से तैनाती और उच्च मारक क्षमता के लिए जानी जाती है. यह सिस्टम पैदल सेना के लिए डिज़ाइन किया गया है और शत्रु के भारी बख्तरबंद वाहनों को चंद सेकंड में निष्क्रिय कर सकता है.
यूक्रेन युद्ध में Javelin मिसाइलों ने रूसी टैंकों के खिलाफ उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, जिससे इसकी प्रभावशीलता प्रमाणित हो चुकी है. NATO गठबंधन के भीतर भी यह हथियार तेजी से एक मानक उपकरण बन रहा है.
रूस के लिए रणनीतिक चेतावनी?
रूस लंबे समय से NATO के विस्तार और उसके सीमावर्ती क्षेत्रों में अमेरिकी सैन्य प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता जताता रहा है. एस्टोनिया को इस तरह की उन्नत सैन्य तकनीक की आपूर्ति को रूस पर एक नर्म लेकिन निर्णायक दबाव के रूप में देखा जा रहा है.
मास्को के राजनीतिक विश्लेषक इल्या कोलेस्निकोव के अनुसार, "यह सौदा रूसी रणनीतिक गहराई में एक और दरार है. इससे क्रेमलिन को अपनी पश्चिमी सीमा पर सेना की तैनाती और नीति में बदलाव करना पड़ सकता है."
अमेरिका की विदेश नीति का विस्तार
DSCA ने अपने बयान में इस सौदे को अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों के अनुरूप बताया है. एजेंसी ने कहा, “यह प्रस्ताव NATO की सामूहिक सुरक्षा को मजबूत करता है और यूरोपीय स्थिरता में अमेरिका की भागीदारी को और स्पष्ट करता है.”
यह डील न केवल एस्टोनिया की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि NATO बलों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी और सामरिक समन्वय को भी बढ़ावा देगी.
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