China On Trump: चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नाइजीरिया के खिलाफ कथित ईसाई उत्पीड़न को लेकर सैन्य कार्रवाई की धमकी देने पर कड़ा विरोध जताया है. मंगलवार, 4 नवंबर 2025 को चीन ने नाइजीरियाई सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि देश को उसके राष्ट्रीय हालात के अनुसार विकास की राह पर आगे बढ़ने दिया जाना चाहिए.
शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि नाइजीरियाई सरकार ईसाइयों की हत्या की घटनाओं को रोकने में विफल रहती है, तो अमेरिका उस पश्चिमी अफ्रीकी देश को मिलने वाली सभी सहायता रोक सकता है और यहां तक कि आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है.
चीन का कड़ा रुख
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "अमेरिका के दावे नाइजीरिया की वास्तविक स्थिति को सही तरीके से प्रतिबिंबित नहीं करते. नाइजीरियाई सरकार आतंकवाद से लड़ने, अंतरधार्मिक सद्भाव कायम रखने और अपने सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है."
उन्होंने आगे कहा कि चीन किसी भी देश की आंतरिक मामलों में धर्म या मानवाधिकारों के नाम पर हस्तक्षेप का विरोध करता है और बल प्रयोग या प्रतिबंधों की धमकियों के मनमाने इस्तेमाल का समर्थन नहीं करता.
वेनेजुएला और अन्य मुद्दों पर चीन की राय
माओ निंग ने वेनेजुएला में अमेरिकी नौकाओं पर हमलों और मिसाइलों की मांग पर भी बयान देते हुए कहा कि चीन मादक पदार्थ तस्करों से लड़ने के नाम पर बल प्रयोग के खिलाफ है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कानूनी ढांचे के तहत अपने कानून प्रवर्तन और न्यायिक कृत्यों को अंजाम देना चाहिए.
चीन की यह प्रतिक्रिया यह स्पष्ट करती है कि वह अमेरिका की धमकियों और सैन्य हस्तक्षेप के तरीके का विरोध करता है और देशों को उनके आंतरिक मामलों में स्वतंत्र रूप से फैसले लेने का समर्थन करता है.
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