BRICS को अमेरिका विरोधी मान रहे ट्रंप, तिलमिलाकर कहा- 'ठोक दूंगा10 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ'

    Trump Tarrif on Brics: ब्रिक्स सम्मेलन में भारत के सक्रिय भागीदारी के बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और संभावित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान देकर नई वैश्विक बहस छेड़ दी है.

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    Trump Tarrif on Brics: ब्रिक्स सम्मेलन में भारत के सक्रिय भागीदारी के बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और संभावित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान देकर नई वैश्विक बहस छेड़ दी है. ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जो भी देश ब्रिक्स की ‘अमेरिका विरोधी नीतियों’ के साथ जुड़ते हैं, उन पर 10% का अतिरिक्त आयात शुल्क (टैरिफ) लगाया जाएगा. यह बयान उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर साझा किया, जिसने अंतरराष्ट्रीय बाजारों और कूटनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.

    ब्रिक्स की नीतियों से जुड़ने वालों को कीमत चुकानी होगी

    अपने पोस्ट में ट्रंप ने लिखा कि ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले किसी भी देश पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. इसमें कोई अपवाद नहीं होगा. आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए धन्यवाद. हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनकी नजर में 'अमेरिका विरोधी नीति' किसे कहा जा रहा है. इससे नीति की व्याख्या को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान विशेष रूप से भारत जैसे देशों को ध्यान में रखकर दिया गया है, जिन्हें अब तक अमेरिका ने कई बार रणनीतिक छूट दी है – जैसे रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद.

    ब्रिक्स देशों की कड़ी प्रतिक्रिया

    ट्रंप की धमकी ऐसे समय आई है जब ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में संपन्न 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने अमेरिका की टैरिफ नीति को लेकर अपनी नाखुशी जताई थी. संयुक्त बयान में ब्रिक्स देशों ने कहा कि हम उन एकतरफा टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं जो वैश्विक व्यापार को बाधित करते हैं और WTO के नियमों के खिलाफ हैं. बिना ट्रंप का नाम लिए, ब्रिक्स नेताओं ने यह भी कहा कि इस तरह की नीतियां अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही हैं.

    भारत को लेकर संदेश दोहरा?

    भारत के मामले में स्थिति थोड़ी जटिल है. अमेरिका भले ही भारत को रणनीतिक साझेदार मानता है, लेकिन भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और रूस के साथ व्यापारिक रिश्तों को लेकर वॉशिंगटन अक्सर असहज होता रहा है. ट्रंप की यह नई चेतावनी संकेत देती है कि अगर भारत ने ब्रिक्स के साथ अमेरिका विरोधी नीतियों को खुले तौर पर समर्थन दिया, तो उसे व्यापारिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.

    वैश्विक व्यापार पर संभावित असर

    डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान आगामी अमेरिकी चुनावों से पहले वैश्विक व्यापार को लेकर उनके आक्रामक रुख को दर्शाता है. अगर वे फिर से सत्ता में आते हैं और इस नीति को लागू करते हैं, तो यह ब्रिक्स देशों और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध को जन्म दे सकता है – जिसका असर पूरी दुनिया के आर्थिक ताने-बाने पर पड़ेगा.

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